एम्स निर्माण को मिली हरी झंडी तो जश्न में डूबे मिथिलावासी
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना को हरी झंडी मिलने के साथ मिथिला के केंद्र दरभंगा शहर से लेकर गांव-गांव तक जश्न का माहौल बना है। पटना के बाद बिहार का यह दूसरा एम्स होगा।
दरभंगा । अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना को हरी झंडी मिलने के साथ मिथिला के केंद्र दरभंगा शहर से लेकर गांव-गांव तक जश्न का माहौल बना है। पटना के बाद बिहार का यह दूसरा एम्स होगा। इसका निर्माण होने के साथ एक छत के नीचे मरीजों को सभी तरह के इलाज और जांच की सुविधा मिलेगी। मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट से मिली स्वीकृति के बाद लोगों की उम्मीदों को पंख लगे हैं। लोग इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार को बधाई दे रहे हैं। स्थानीय सांसद गोपालजी ठाकुर के आवास पर जाकर मिथिला के लोगों ने मधुबनी के सांसद डॉ. अशोक यादव की मौजूदगी में ढोल-नगाड़े बजाए। एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।
पटना, दिल्ली समेत अन्य राज्यों का नहीं लगाना होगा चक्कर
मिथिला के लोगों को कलतक किसी भी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए राजधानी पटना और दिल्ली समेत अन्य राज्यों में जाना पड़ता था। इस दौरान लोगों का आर्थिक नुकसान होता था। परेशानी भी होती थी। लेकिन, सरकार के इस फैसले के साथ ही उन परेशानियों से मुक्ति मिलेगी। इस इलाके के मरीजों को उच्चस्तरीय उपचार की सुविधा 24 घंटे दरभंगा में मिलेगी। सूबे में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नहीं रहेगी कमी दरभंगा एम्स के शुरू होने के बाद सूबे में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी नहीं होगी। पटना में एम्स के शुरू होने के बाद विशेषज्ञ चिकित्सकों की संख्या में वृद्धि हुई है। इस बीच बिहार के दूसरे एम्स के निर्माण के बाद विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी काफी हद दूर हो जाएगी। यहां एमबीबीएस और पीजी डॉक्टरों की पढ़ाई शुरू होगी। उद्योग-धंधों का होगा विकास
जानकार बताते हैं कि एम्स के निर्माण के बाद चिकित्सा से संबंधित उद्योग-धंधों का विकास होगा। दवा व उपचार सामग्री समेत अन्य कई तरह के कुटीर उद्योग और बड़े-बड़े उद्योग खुलेंगे। लोगों को चिकित्सा संस्थान से भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा।
स्वास्थ्य विभाग के सचिव कर चुके हैं तमाम तथ्यों को लेकर स्थल निरीक्षण
याद रहे कि एम्स निर्माण को लेकर 16 दिसंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुनील शर्मा के नेतृत्ववाली टीम ने यहां स्थल निरीक्षण कर हर सुविधा व संसाधनों की उपलब्धता की पड़ताल की थी। इस दौरान यातायात, हवाई अड्डा से संपर्क सड़क, रेल लाइन के पार से आवागमन, जल-जमाव समेत विभिन्न पहलुओं का अध्ययन कर सरकार को रिपोर्ट दी थी।