शुरू हो गया तीसरा साल, डीएमसीएच की ओपीडी नहीं हुई ऑनलाइन
दरभंगा दरभंगा मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल की व्यवस्था को हाई-टेक करने की सरकारी कोशि
दरभंगा : दरभंगा मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल की व्यवस्था को हाई-टेक करने की सरकारी कोशिशों पर प्रशासनिक स्तर पर की जानेवाली कार्रवाई की धीमी गति आधुनिक सुविधाओं को पलीता लगा रही है। मंथर गति से होनेवाले योजनाओं के क्रियान्वयन के कारण यहां की ओपीडी ऑनलाइन नहीं हो सकी।
जानकार बताते हैं कि डीएमसीएच की ओपीडी में मरीजों का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन किया जाना है। इसके लिए एक वेबसाइट और पोर्टल की लांचिग होनी है। इस सिलसिले में 2019 में सरकार ने आदेश जारी किया था। पैथोलॉजिकल जांच को भी इस व्यवस्था के अधीन किया गया था। इस व्यवस्था में सुविधा है कि लोग घर बैठे ऑनलाइन अस्पताल में इलाज के लिए अपना नंबर लगा सकते हैं। डीएमसीएच से पीएचसी की ओपीडी तक इस व्यवस्था को चालू करने की योजना है। लेकिन, अबतक यह सुविधा मरीजों के लिए चालू नहीं हो सकी। कोरोना काल में मरीजों की परेशानी बढ़ी
नई व्यवस्था मरीजों को बेहतर सुविधा देती। लोग ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर किसी भी मरीज की परेशानी कोरोना काल में दूर की जा सकती थी। लेकिन, व्यवस्था के पेंच में नई व्यवस्था शुरू होने से पहले ही देरी का शिकार हो गई। नई व्यवस्था के तहत लोग इसकी सुविधा वेब साइट 'डब्लूडब्लूडब्लू डॉट स्टेट हेल्थ सोसाइटी बिहार डॉट ओआरजी पर ले सकते थे। मोबाइल एप्लीकेशन 'स्वस्थ बिहार' की सहायता से ओपीडी में अप्वाइंटमेंट एवं पंजीकरण के बारे में जानकारी होती। मरीजों को ओपीडी में दिखाने से पहले टोकन दिया जाता। ऑनलाइन एप्वाइंटमेंट लेनेवाले एवं ओपीडी काउंटर से रजिस्ट्रेशन कराने वाले दोनों तरह के मरीजों को ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर से मिलनेवाली पर्ची पर टोकन नंबर के साथ संबंधित चिकित्सक का नाम भी दर्ज होता। मरीज सीधे टोकन की सहायता से चिकित्सक कक्ष के समक्ष मौजूद रहेंगे। टोकन नंबर के अनुसार ही चिकित्सक मरीजों को सेवा देते। लेकिन, परेशानी यह है कि अबतक यह योजना धरातल पर नहीं उतरी टेंडर तक नहीं हो सका है।
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कोट
ओपीडी के ऑनलाइन संचालन के लिए तमाम संयंत्रों की स्थापना को टेंडर निकाला जाना है। टेंडर प्रक्रिया के बाद यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी।
डॉ. मणिभूषण शर्मा
अस्पताल
अधीक्षक, दरभंगा मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल।
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