मिथिला विश्वविद्यालय के सभी अंगीभूत एवं 18 संबद्ध कॉलेजों के प्राचार्य तलब
दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के 60 अंगीभूत एवं संबद्ध कॉलेजों पर गाज गिरी है। अनुदान
दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के 60 अंगीभूत एवं संबद्ध कॉलेजों पर गाज गिरी है। अनुदान की राशि का ससमय उपयोग नहीं करने यूजीसी को उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देने के मामले का न्यायालय ने संज्ञान लिया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को पूरे मामले में कार्रवाई करने को कहा है। इसको लेकर शनिवार को विश्वविद्यालय की ओर से सभी अंगीभूत एवं 18 संबद्ध कॉलेजों के प्राचार्यों को तलब किया गया है। संबंधित कॉलेजों के प्राचार्यों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से 11 वीं एवं 12 वीं पंचवर्षीय योजना के तहत अनुदान प्राप्त है, उन्हें 19 फरवरी को विश्वविद्यालय के जुबली हॉल में आयोजित विशेष बैठक में बुलाई गई है। सभी संबंधित प्राचार्यों को यूजीसी द्वारा प्राप्त अनुादन एवं उसके उपयोगिता संबंधित सभी दस्तावेज की एक सत्यापित प्रति सीसीडीसी कार्यालय में बैठक के बाद जमा करने का निर्देश जारी किया गया है। साथ ही संबंधित सभी कॉलेजों के प्राचार्य एवं प्रभारी प्राचार्यों को निर्देशित किया गया है कि उक्त बैठक में भाग नहीं लेने वाले प्राचार्यों पर नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि यूजीसी बिहार के सभी कॉलेजों को पंचवर्षीय योजना के तहत विभिन्न स्तरों के विकास के लिए अनुदान निर्गत करती है। ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना (2007-2012 ) एवं बारहवीं पंचवर्षीय योजना (2012-2017) में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के साठ कॉलेजों समेत बिहार के 372 कॉलेजों को अनुदान राशि दी गई थी। कॉलेजों ने ससमय अनुदान का उपयोग नहीं किया और अगर किया भी तो यूजीसी को उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं दिया। इसको लेकर वेटेरेंस फोरम फॉर ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक लाइफ नामक गैर सरकारी संगठन ने पटना उच्च न्यायालय में बिहार सरकार को प्रतिवादी बनाते हुए एक याचिका सीडब्ल्यूजेसी 34/2018 दायर किया था। उच्च न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए यूजीसी को निर्देश जारी किया की बिहार के तमाम कॉलेजों में कितनी राशि अनुदान के रूप में भेजी गई, कितने का उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ एवं आज की तिथि में कितनी राशियां अप्रयुक्त अवशिष्ट हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव प्रो. रजनीश जैन ने शपथ पत्र के जरिए उच्च न्यायालय को सूचित किया कि बिहार के 372 महाविद्यालयों में ग्यारहवीं योजना के तहत 108 करोड़ 44 लाख 58 हजार दो सौ 69 रुपए एवं बारहवीं योजना के तहत 55 करोड़ 79 लाख 78 हजार 369 रुपए अप्रयुक्त अवशिष्ट हैं। बता दें कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के 60 कॉलेजों में ग्यारहवीं योजना के तहत 19 करोड़ 46 लाख 93 हजार 541 एवं बारहवीं योजना के तहत 10 करोड़ 35 लाख एक हजार 219 रुपए का समायोजन नहीं हुआ है। एवं अद्यतन अप्रयुक्त अवशिष्ट हैं। प्रो. जैन ने न्यायालय को 14 ऐसे महाविद्यालयों की सूची भी समर्पित की है, जिन्होंने खातों के सामंजस्य की प्रक्रिया में असहयोग किया है। इन 14 कॉलेजों में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय का एक अंगीभूत महाविद्यालय सीएमबी कालेज घोघरडीहा का नाम भी शामिल है। यूजीसी ने इन कॉलेजों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू करने, ब्लैक लिस्ट करने तथा यूजीसी के 12 बी दर्जे की सूची से हटाने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। यूजीसी के सचिव प्रो. जैन ने आठ फरवरी को पत्र के माध्यम से इसकी सूचना प्रधान सचिव उच्च शिक्षा विभाग बिहार सरकार एवं संबंधित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को भी दी है। अपने स्तर से उचित कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है।
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