नहीं रहे अर्थशास्त्री प्रो. परमानंद चौबे, शोक की लहर
दरभंगा। रामपुरा महंत विशेश्वर दास महाविद्यालय के संस्थापक प्रमुख प्रो. परमानंद चौबे के निधन होने शिक्षा जगत में शोक की लहर दौड़ गई।
दरभंगा। रामपुरा महंत विशेश्वर दास महाविद्यालय के संस्थापक प्रमुख प्रो. परमानंद चौबे के निधन होने शिक्षा जगत में शोक की लहर दौड़ गई। रामपुरा स्थित उनके पैतृक आवास पर अंतिम दर्शन करने वालों का तांता लगा रहा। भीड़ को देखते हुए पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित करने के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। अर्थशास्त्री प्रो. चौबे वर्ष 2003 में दरभंगा सीएम कॉलेज से सेवानिवृत्त हुए थे। इससे पूर्व वे जाले प्रखंड के चन्दौना स्थित एमकेएस कॉलेज में 1967-90 तक अर्थशास्त्री के रूप में अपनी सेवा दे थी। सिंहवाड़ा चौधरी केदारनाथ उच्च विद्यालय के शिक्षा की नींव को मजबूत करने में उनकी सराहनीय योगदान की चर्चा लोग आज भी कर रहे हैं। विलक्षण प्रतिभा के धनी दिवंगत परमानंद ने वर्ष 1984 में स्थानीय रामपुरा गांव में महंत विशेश्वर दास इंटर महाविद्यालय की स्थापना कर ग्रामीण इलाके में शिक्षा की अलख जगाने का काम किया। वे लगातार इस महाविद्यालय के संस्थापक प्रमुख पद को सुशोभित कर अमर हो गए। इलकौते पुत्र प्रधानाचार्य डॉ. बीरेंद्र चतुर्वेदी ने जब मुखाग्नि दी तो सभी रो पड़े। उनके निधन पर शिक्षाविद लक्ष्मेशवर चौबे ने कहा महान अर्थशास्त्री के रूप में विख्यात परमानंद के जीवन को स्मरण कर उनके पदचिन्ह पर चलने की जरूरत है। विधान पार्षद डॉ. दिलीप चौधरी ने गहरी संवेदना व्यक्त कर कहा शिक्षा के प्रति इनके प्रेम को भुलाया नहीं जा सकता है। प्रो. डॉ. अमरेन्द्र प्रकाश चौबे ने कहा वे क्षेत्र के अभिवावक थे। शिक्षा के प्रति समर्पित भाव से बच्चों के बीच ज्ञान का दीप प्रज्जवलित किया है। सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य प्रो. शिवेशवर पाठक ने कहा एमबीडी महाविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधि पर निगरानी व अनुशासन के प्रति गंभरीता का जो मार्गदर्शन मिला वह मानवीय संस्कृति की पहचान है। इधर, असामयिक निधन पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अली असरफ फातमी, पूर्व एमएलसी डॉ. विनोद चौधरी, राज्य खाध्य आयोग के चेयरमैन मो. अताकरीम, जिपस ओमप्रकाश ठाकुर, मुखिया ममता चौधरी, जदयू अध्यक्ष पप्पू चौधरी, प्रो. विजय ठाकुर, चंद्रभूषण प्रसाद सिंह, शैलेन्द्र् कुमार, शयामनंद ठाकुर, अखिलेश ठाकुर ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। डीपीओ कन्हैया प्रसाद, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अशोक मिश्र, शिक्षक इरशाद इलाही, रामाशंकर गौतम, विकास पाठक आदि शिक्षाविद मौजूद थे।