पश्चिमी कोशी नहर परियोजना को स्वीकृति, खेतों की सिचाई होगी आसान
दरभंगा। जिले के कई प्रखंडों में विस्तृत सिचाई व्यवस्था व बाढ़ के दीर्घकालीक सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ उत्तर बिहार के एक बड़े क्षेत्र में आवागमन को सुगम बनाने के कई मुद्दे को शुक्रवार को बिहार कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी।
दरभंगा। जिले के कई प्रखंडों में विस्तृत सिचाई व्यवस्था व बाढ़ के दीर्घकालीक सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ उत्तर बिहार के एक बड़े क्षेत्र में आवागमन को सुगम बनाने के कई मुद्दे को शुक्रवार को बिहार कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी। इसमें पश्चिमी कोशी नहर परियोजना भी एक है। इससे 2 लाख 65 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिचाई क्षमता सुनिश्चित करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। बता दें कि दशकों से लंबित दरभंगा एवं मधुबनी जिले के किसानों के लिए अतिमहत्वपूर्ण पश्चिमी कोशी नहर परियोजना को पूर्ण करने के लिए मंत्रीपरिषद की मंजूरी मिल गई है। जल संसाधन विभाग की इस पुनरीक्षित परियोजना में 64240.84 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिचाई का सृजन किया गया है। इसके बाद दरभंगा जिले के केवटी, मनीगाछी, दरभंगा सदर, बहादुरपुर, बेनीपुर सहित मधुबनी जिला के लौकही, खुटौना, बाबूबरही, फूलपरास, अंधराठाढ़ी, घोघरडीहा, झंझारपुर, लखनौर, राजनगर, खजौली, पंडौल, बेनीपटटी, हरलाखी, मधवापुर, कलुआही, रहिका, बासोपटटी और बिस्फी प्रखंड को सीधे सिचाई की सुविधा मिलेगी।
जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने बताया कि वे दशकों से लंबित पड़ी इस योजना को पूरा कराने का निरंतर प्रयास करते आ रहे थे। कहा कि आज आज की यह ऐतिहासिक उपलब्धि इस बात का पूरक है कि मुख्यमंत्री के विकास की परिकल्पना में उत्तर बिहार एवं मिथिला का एक विशिष्ट स्थान है। निश्चित रुप से इसके पूर्ण होने से मुख्यमंत्री के हर खेत को पानी की परिकल्पना साकार होगी। गौरतलब है कि उक्त योजना 1962 में स्वीकृत हुई, जिसपर 1971 से कार्य शुरु हुआ। लगभग छह दशकों से लंबित इस परियोजना को पूर्व में चार बार पुनरीक्षित करना पड़ा। 2372 करोड़ से अधिक की इस आज की पंचम पुनरीक्षित प्राक्कलन में बिहार सरकार ने 810 करोड़ निवेश करने की स्वीकृति दी है। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।