जयपुर की तरह डीएमसीएच में भी कोरोना पॉजिटिव का इलाज संभव
दरभंगा। डीएमसीएच अब पूर्ण रूप से कोरोना वायरस से लड़ने के लिए तैयार है। कोरोना वायरस के स्वाब की जांच के बाद अब पॉजिटिव मरीजों के उपचार के लिए कारगर दवाओं की आपूर्ति डीएमसीएच में आपूर्ति शुरू हो गई है।
दरभंगा। डीएमसीएच अब पूर्ण रूप से कोरोना वायरस से लड़ने के लिए तैयार है। कोरोना वायरस के स्वाब की जांच के बाद अब पॉजिटिव मरीजों के उपचार के लिए कारगर दवाओं की आपूर्ति डीएमसीएच में आपूर्ति शुरू हो गई है। इसमें मात्र दो दवाएं शामिल है। इन दो दवाओं में वायरस के इलाज में कारगर एचआइवी और स्वाइन फ्लू की दवा की आपूर्ति हो चुकी है। इन दवाओं से ऐसे मरीजों का इलाज राजस्थान के जयपुर स्थित मानसिंह अस्पताल में किया जा चुका है। इसके बाद डीएमसीएच में इसे शुरू करने की प्रक्रिया की गई है। डीएमसीएच के कोरोना वायरस के नोडल ऑफिसर डॉ. प्रवीण सिंह ने बताया है कि एचआइवी की दवा लोपीनावीर और रिटोनावीर है। यह दवा एंटीवायरल है। दूसरी दवा ज्वाइंट पेन या अर्थराइटिस में दी जाने वाली हाइड्रोक्सीन क्लोरोक्वीन क्वीन है, जो इम्यूनिटी पावर को बढ़ाने के साथ-साथ किसी भी वायरस से लड़ने की भी क्षमता रखता है। यह दवा इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के गाइड लाइन पर दिया जा रहा है। इन दवाओं में इम्युनिटी पॉवर बढ़ाने की भी क्षमता है। यह दवा ऐसे वायरस के पॉजिटिव केस के मामले में मरीज के उपचार करने में दिया जाएगा। जानकारी के अनुसार, हाइड्रोक्सी क्लोरो क्वीन दवा की आपूर्ति डीएमसीएच को हो गई है। इधर, डीएमसीएच के एंटी रेट्रो वायरल (एआरटी) की ओर से दवाओं की आपूर्ति का इंतजाम कर दिया गया है। इसके पूर्व डीएमसीएच के दवा भंडार के मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर मनोज कुमार ने तीन दिन पूर्व एआरटी के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. अनामिका सिन्हा को पत्र भेजा था, जिसमें एचआइवी की 500 टेबलेट की आपूर्ति करने की मांग की थी। चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. सिन्हा ने पटना के एड्स कंट्रोल से संपर्क के बाद अधीक्षक को दवा की आपूर्ति हामी भर दी है।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरआर प्रसाद ने बताया कि क्लोरोक्वीन की दवा की आपूर्ति हो चुकी है। एआरटी से भी सहमति मिल गई है। कोई भी पॉजिटिव केस मिलने पर इन दवाओं से उपचार किया जाएगा। अभी यहां कोई भी करोना वायरस के पॉजिटिव केस नही है।