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झूठा और भ्रामक तथ्य प्रस्तुत करने पर एसएसपी से जवाब तलब

दरभंगा। प्रथम एडीजे संजय अग्रवाल की अदालत ने पटना उच्च न्यायालय में दरभंगा की अदालत के संबंध में झूठा और भ्रामक तथ्य प्रस्तुत करने के मामले में वरीय पुलिस अधीक्षक से जवाब तलब किया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Feb 2020 12:50 AM (IST)Updated: Sat, 08 Feb 2020 12:50 AM (IST)
झूठा और भ्रामक तथ्य प्रस्तुत करने पर एसएसपी से जवाब तलब
झूठा और भ्रामक तथ्य प्रस्तुत करने पर एसएसपी से जवाब तलब

दरभंगा। प्रथम एडीजे संजय अग्रवाल की अदालत ने पटना उच्च न्यायालय में दरभंगा की अदालत के संबंध में झूठा और भ्रामक तथ्य प्रस्तुत करने के मामले में वरीय पुलिस अधीक्षक से जवाब तलब किया है। न्यायालय ने एसएसपी को निर्देश दिया है कि वे 11 फरवरी तक कोर्ट में प्रतिवेदन दें। शो-कॉज नोटिस में कहा गया हैं कि क्यों नहीं आपके विरुद्ध न्यायालय की अवमानना की कार्यवाही प्रारंभ की जाए। क्योंकि आपने इस न्यायालय के विरुद्ध झूठा एवं भ्रामक तथ्य पटना उच्च न्यायालय में प्रस्तुत किया है। यह एक गंभीर मामला है। साथ ही न्यायालय की यह अवमानना है। इस न्यायालय ने पत्रांक 440 दिनांक 16 दिसंबर 2019 के द्वारा निर्देशित किया था कि बहादुरपुर थाना कांड संख्या 327/19 की केस डायरी क्रिमिनल अपील (एसजे) संख्या 5406/19 में भेजे। लेकिन आपने पटना उच्च न्यायालय में पत्रांक 162/सीआर विविध दिनांक 25 जनवरी 2020 के द्वारा सूचित किया है। इस न्यायालय के द्वारा निर्गत पत्र पत्रांक 440/19 दिनांक 16 दिसंबर 2019 के द्वारा बहादुरपुर थाना कांड संख्या का वाद अपील 5406/19 में भेजा। लेकिन आपने हाईकोर्ट के समक्ष पत्रांक 162/सीआर विविध दिनांक 25 जनवरी के द्वारा सूचित किया कि इस न्यायालय के द्वारा निर्गत पत्र पत्रांक 440/19 दिनांक 16 दिसंबर 2019, जिसके द्वारा बहादुरपुर थाना कांड का वाद 5406/19 में भेजने हेतु निर्देशित किया गया था, उसे प्राप्त नही किया है। कोर्ट की ओर से जब आपसे कहा गया कि पत्रांक 440/19 आपके कार्यालय में प्राप्त कराया जा चुका है, उसकी प्रति भेजे तब जाकर आपने स्वीकार किया कि पीसी शाखा से उक्त पत्र प्राप्त किया गया है। जबकि आपके ही कार्यालय में पीसी शाखा है। लेकिन, आपकी ओर से ऐसा गलत कथन हाईकोर्ट के समक्ष कहना कि उपरोक्त पत्र प्राप्त नही किया है, एक गंभीर मामला है। कोर्ट के इस आदेश के बाद पुलिस की कार्यशैली एक बार फिर कठघरे में खड़ी हुई है।

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