नवादा गांव में नहीं मिल रहा बुनियादी सुविधाओं का समुचित लाभ
पंद्रह हजार की आबादी वाले बेनीपुर क्षेत्र के नवादा गांव के लोगों को आज भी स्वास्थ्य बिजली व शुद्ध पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं का समुचित लाभ नहीं मिल रहा है।
दरभंगा । पंद्रह हजार की आबादी वाले बेनीपुर क्षेत्र के नवादा गांव के लोगों को आज भी स्वास्थ्य, बिजली व शुद्ध पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं का समुचित लाभ नहीं मिल रहा है। गांव के चर्चित नवादा भगवती मंदिर प्रांगण को चुनाव के समय पर्यटक स्थल का दर्जा दिलवाने का आश्वासन तो मिलता आया है, लेकिन चुनाव के बाद यह वादा कोरा कागज ही साबित हुआ है। नवादा गांव स्थित जर्जर खादी भंडार आज अपनी बदहाली पर आंसु बहा रहा है। यहां 1952 में प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु व विनोवा भावे ने आकर गांव की बहु फूलमाया देवी को सम्मानित किया था। लेकिन, यह ऐतिहासिक खादी भंडार आज उदासीनता का शिकार है। गांव के जय नारायण झा विनीत 1947 से 1962 तक लगातार विधायक रहे, लेकिन आज भी इस गांव में सुविधाओं का टोटा है। गांव के एक भाग को नगर परिषद क्षेत्र में ले लिए जाने के कारण लगभग दो हजार से अधिक लोग शहरी इलाके में चले गए। गांव में लो वोल्टेज की समस्या लगातार बनी रहती है। उप स्वास्थ्य केंद्र जर्जर है। महीनों से ताला लटका हुआ है। गांव के लोगों को बीमार पड़ने पर पांच किलोमीटर दूर बेनीपुर अनुमंडलीय अस्पताल जाना पड़ता है। नवादा हाईस्कूल के नजदीक से नंदापट्टी चौक तक जानेवाली पथ जर्जर है। बारिश में लोगों को आवागमन की समस्या होती है। नल-जल योजना के स्थिति भी बेहतर नहीं। शुद्ध पेयजल लोगों को नहीं मिल रहा। आवंटन के अभाव में नली-गली योजना ठप है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मात्र 45 लोगों को ही आवास मुहैया कराया गया है। वर्ष 2019-20 में 54 आवास निर्माण कराने का लक्ष्य था। सबसे खराब स्थिति स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय निर्माण का है। शौचालय निर्माण के बाद भी करीब सौ से अधिक लाभुकों को अब तक राशि नहीं मिली है। ग्रामीणों के सहयोग से सकरी-बिरौल रेल खंड के नवादा गांव के समीप जगदंबा हॉल्ट निर्माण संघर्ष समिति ने हॉल्ट तो बनवा दिया, लेकिन अब तक वहां ट्रेन का ठहराव नहीं हो रहा। जनवितरण प्रणाली के दुकानदार पॉश मशीन के नाम पर उपभोक्ताओं को परेशान कर रहे हैं। आंगनवाडी केंद्रों पर मेनू के हिसाब से बच्चों को पोषाहार नहीं मिलता। सीडीपीओ की मिलीभगत से सेविकाएं पोषाहार की राशि का बंदरबांट कर रही हैं। नवसृजित प्राथमिक विद्यालय जाने के लिए सड़क नहीं है। मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा। अधिकांश मजदूर दूसरे राज्यों को पलायन करते हैं। दैनिक जागरण टीम रविवार को गांव की पाती कार्यक्रम के तहत नवादा गांव पहुंची। ग्रामीणों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं को सुना। ग्रामीणों ने खुल कर अपनी समस्याएं जागरण टीम के समक्ष रखी।
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नवादा गांव एक नजर में :
जनसंख्या : 15 हजार, वोटर : 10 हजार, प्राथमिक विद्यालय : चार, मध्य विद्यालय : दो, उच्च विद्यालय : एक, आंगनवाडी केंद्र : छह, जनवितरण प्रणाली की दुकान : छह, स्वास्थ्य उपकेंद्र : एक, शिक्षित लोगों की संख्या : 80 प्रतिशत, गांव में प्रतिदिन औसत बिजली : 10 घंटे।
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ग्रामीणों ने कहा : गांव में श्रमदान से निर्माण करवाए गए हॉल्ट पर रेलवे विभाग को अविलंब ट्रेन का ठहराव करना चाहिए। नवादा भगवती मंदिर प्रांगण को अविलंब पर्यटक स्थल का दर्जा दिया जाना चाहिए ताकि स्थल का सर्वांगीण विकास हो सके। नेताओं के उपेक्षा के कारण गांव का समुचित विकास नहीं हो पाया।
- कामेश्वर झा, ग्रामीण
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गांव में राजकीय नलकूपों के बंद पडे रहने से किसानों को खेत का पटवन करने में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। गांव में पंचायत सरकार भवन का निर्माण जल्द शुरु होना चाहिए।
- राम नारायण झा, ग्रामीण
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कोई ऐसा नेता नहीं जिसने नवादा गांव को विकास के नाम पर ठगा नहीं। गांव में फुटपाथी नेताओं की बहार है, लेकिन वे किसी काम के नहीं। गांव में समस्याओं का अंबार है, देखने वाला कोई नहीं।
- शशि झा, ग्रामीण
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गांव में बेरोजगारों की लंबी फौज है। सरकारी स्तर पर बेरोजगारी दूर करने के लिए कोई उपाय नहीं हो रहे। बेरोजगार रोजगार के लिए पलायन करने को मजबूर हैं। इस दिशा में जनप्रतिनिधि उदासीन हैं।
- देवेंद्र झा, ग्रामीण
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सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की स्थित बदतर होने के कारण अधिकांश लोग अब अपने बच्चों को प्राईवेट स्कूल में ही पढाना मुनासिब समझ रहे हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने का वादा तो हर नेता करता है, पूरा कोई नहीं करता।
- प्रदीप झा, ग्रामीण
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गांव में दो स्टेट ट्यूबवेल के बर्षों से बंद पडे रहने के कारण किसानों को अपने खेतों का पटवन करने में परेशानी हो रही है। गांव में अविलंब पंचायत सरकार भवन की स्थापना होनी चाहिए। गांव में लोगों को जलजमाव से मुक्ति दिलवाने के लिए नाला का निर्माण सहित अन्य विकासात्मक कार्य करवाए गए हैं।
- अनंत कुमार झा बमबम, मुखिया