तत्काल टिकट की तरह लर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए सुबह से लगती लाइन
जिला परिवहन कार्यालय में लर्निंग लाइसेंस बनवाने वालों की भीड़ शुक्रवार को भी उमड़ी रही। काउंटरों पर युवक-युवतियों का जमावाड़ा लगा हुआ था।
दरभंगा। जिला परिवहन कार्यालय में लर्निंग लाइसेंस बनवाने वालों की भीड़ शुक्रवार को भी उमड़ी रही। काउंटरों पर युवक-युवतियों का जमावाड़ा लगा हुआ था। लोग सुबह से ही लाइन में खड़े होकर कांउटर खुलने का इंतजार कर रहे थे। मानो रेलवे के तत्काल टिकट के लिए मारामारी हो रही है। कांउटर खुलते ही सभी अपना-अपना फॉर्म लिए अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे थे। फॉर्म जमा करना, जैसे इनके लिए युद्ध जीतने के बराबर था। कड़ी धूप में भी लोग घंटों सर पर कागज-पेपर रख पंक्ति में खड़े नजर आए। यदि इस बीच कोई होशियारी से पंक्ति में घुसने का प्रयास करें तो पीछे से दर्जनों लोग हो-हल्ला करने लगे। भीड़ को संभालने के लिए चार पुलिस कर्मी मुश्तैद थे। कांउटर पर बैठे अभिषेक कुमार ने बताया कि जब से नए मोटर अधिनियम लागू हुआ है, लर्निंग लाइसेंस बनवाने वालों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। पहले जहां 60-70 आवेदन आते थे, वहां अब 200 से ऊपर आवेदन आ रहे है। काम का लोड तीन गुना बढ़ गया है। बताया कि एक मिनट के लिए भी यदि कुर्सी से उठे तो पीछे से लोग चिल्लाने लगते है। वहीं, नंदलाल ने बताया कि लर्निंग लाइसेंस अप्लाई करने के बाद आवेदन जमा करने के ठीक दूसरे ही दिन लोग लर्निंग लाइसेंस लेने चले आते है। जब कम आवेदन हुआ करता था, तो आसानी से दूसरे दिन लर्निंग लाइसेंस मिल जाया करता था। अब, ज्यादा संख्या में आवेदन आने पर तीन से चार दिन का समय लगता है। इधर, आवेदन संतोष कुमार, सन्नी, रामबाबू, कौशल, नितेश आदि ने बताया कि जब से नया नियम लागू हुआ है, घरवाले गाड़ी चलाने से मना करते है। ऐसे में टूयशन जाने में परेशानी होती है। इसलिए लाइसेंस बनवाना जरूरी है। दो दिन भीड़ देखकर वापस होना पड़ रहा है। इसलिए आज सुबह छह बजे से ही लाइन में खड़ा हूं। वहीं, जिला परिवहन पदाधिकारी वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि पहले लाइसेंस के लिए एक कांउटर था, भीड़ को देखते हुए कल से दो कांउटर चालू रहेगा। बताया कि लोड के कारण कभी-कभार सर्वर स्लो हो जाता है। इसलिए काम में परेशानी होती है।
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