प्रोवीसी से दुर्व्यवहार पर पदाधिकारियों ने किया कार्य बहिष्कार
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में शुक्रवार को अधिकारियों ने कार्य बहिष्कार कर दिया।
दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में शुक्रवार को अधिकारियों ने कार्य बहिष्कार कर दिया। विवि के अधिकारी बुधवार को विश्वविद्यालय में प्रदर्शन के दौरान प्रतिकुलपति के साथ कथित दुर्व्यवहार को लेकर आक्रोशित थे। गुरुवार को विश्वविद्यालय में अवकाश था। शुक्रवार को विश्वविद्यालय खुलते ही कार्यालय तो खुले, लेकिन अधिकारी अपने कार्यालय में ना बैठ सभा भवन में एकत्र हो गए। इधर, अधिकारियों के कार्यालय में नहीं बैठने से विश्वविद्यालय का दैनिक कार्य प्रभावित रहा। अपने-अपने कार्य को लेकर विश्वविद्यालय पहुंचे छात्र-छात्राओं व अन्य लोगों को बैरंग वापस लौटना पड़ा। पूरे दिन विवि मुख्यालय में अधिकारियों के हड़ताल को लेकर चर्चाएं होती रही, लेकिन किसी अधिकारी ने इसकी आधिकारिक पुष्टी नहीं की। इसका खुलासा तब हुआ जब शाम करीब पांच बजे विश्वविद्यालय की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। उसमें बताया गया कि अधिकारियों ने शुक्रवार को कार्य बहिष्कार कर आपात बैठक की और लिए गए निर्णय का ज्ञापन कुलपति को सौंपा। इधर, बुधवार को हुए प्रदर्शन के दौरान घटित घटना को लेकर कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय ने प्राथमिकी के लिए विश्वविद्यालय थाना को आवेदन दिया है। ऐसे में मामला दिलचस्प होता जा रहा है। बता दें कि बुधवार का प्रदर्शन विश्वविद्यालय के सिडिकेट सदस्य डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू के समर्थन में था। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि साजिश के तहत डॉ. चौधरी को उनके स्थापित कॉलेजों के दाता सदस्य से हटाने की कोशिश की जा रही है। इसी बात को लेकर प्रदर्शनकारियों ने आंदोलन के बाद कुलपति के प्रभार में रहे प्रतिकुलपति प्रो. जय गोपाल को ज्ञापन सौंपा था। विवि के अधिकारियों का कहना है कि उस दौरान प्रतिकुलपति व विवि के अन्य अधिकारियों के साथ प्रदर्शनकारियों ने दुर्व्यवहार किया। पूरी घटना सीसीटीवी में कैद है। बहरहाल, सच का खुलासा तो पुलिस जांच में ही होगा और जो दोषी होंगे उनपर कार्रवाई भी होगी। फिलहाल, पूरे मामले की जांच के लिए विवि स्तर पर भी जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है।
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अधिकारियों ने बैठक कर की घटना की निदा :
विश्वविद्यालय के प्रशासनिक सभागार में सभी पदाधिकारियों एवं निदेशक की आपात बैठक हुई। सर्वसम्मति से बुधवार की घटना की निदा की गई। कहा गया कि उस दिन चार संबद्ध महाविद्यालयों के कतिपय शिक्षक, कर्मचारी व कथित जनप्रतिनिधियों ने प्रतिकुलपति व अन्य पदाधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार किया जिसे बरदाश्त नहीं किया जा सकता। यह घटना विवि के अधिकारियों की नहीं, बल्कि मिथिला की संस्कृति का अपमान है। बैठक में कई प्रस्ताव पारित किए गए। इसके तहत घटना की विश्वविद्यालय और जिला प्रशासन, दोनों स्तर पर गहन जांच और दोषियों को दंडित करने की मांग की गई। साथ ही, विभिन्न मांगों के त्वरित निष्पादन के लिए क्रियाशील शिकायत निवारण कोषांग का गठन करने को कहा गया। कहा गया कि छात्र, शिक्षक, कर्मचारी और अन्य मामलों से संबंधित आवेदन वहीं जमा हो और निर्धारित समय पर निराकरण का प्रयास किया जाए। इसके अलावा पूर्व में हुई घटना के उपरांत विश्वविद्यालय की ओर से लिए गए सुरक्षात्मक निर्णय एवं दिशानिर्देश का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। बैठक के बाद पदाधिकारियों के शिष्टमंडल ने कुलपति से मिलकर ज्ञापन सौंपा। कुलपति प्रो. एसके सिंह ने शिष्टमंडल को आश्वस्त किया कि दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है। विवि स्तर पर जांच समिति का गठन किया गया है जो दोषियों को चिन्हित कर कार्रवाई करने, सुरक्षा व्यवस्था में कहां-कहां चूक हुई उसका पता लगाने एवं ऐसी घटना भविष्य में ना हो, इसके लिए सुझाव देगी।
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कुलसचिव ने प्राथमिकी को दिया आवेदन :
बुधवार की घटना के विरोध में कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय ने विश्वविद्यालय थाना को प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन शुक्रवार को सौंपा है। इसमें कहा गया है कि चार सबंद्ध कॉलेजों के शिक्षक-कर्मी व कुछ जनप्रतिनिधियों ने प्रतिकुलपति के साथ धक्का-मुक्की की, अशोभनीय भाषा का प्रयोग किया, कार्य बाधित किया, मीटिग चल रही थी उसमें भी व्यवधान डाला। साथ ही परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशोक कुमार मेहता व कॉलेज निरीक्षक डॉ. मोहन मिश्रा के साथ भी अशोभनीय व्यवहार किया। पूरी घटना के सीसीटीवी में कैद होने की जानकारी देते हुए पुलिस को प्राथमिकी दर्ज कर उचित कार्रवाई का अनुरोध किया गया है। इधर, थानाध्यक्षा पवन कुमार सिंह ने बताया कि अज्ञात के खिलाफ आवेदन मिला है, जांच की जा रही है।
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विश्वविद्यालय ने जांच के बनाई कमेटी :
सूत्रों के अनुसार पूरे मामले की जांच के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी के संयोजक कुलानुशासक डॉ. अजीत कुमार चौधरी बनाए गए हैं। कमेटी में सदस्य के रूप में सीएम कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. मुश्ताक अहमद, सिडिकेट सदस्य डॉ. अमर कुमार व विधि पदाधिकारी चंद्रजीत नारायण मिश्र को शामिल किया गया है।
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