किशोरों को किसी भी हालत में ना तो लगानी है हथकड़ी, ना ही ले जाना है हाजत : विधि परामर्शी
जिला बाल संरक्षण इकाई के तत्वावधान में जिला के सभी बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारियों का प्रशिक्षण रविवार को समाहरणालय स्थित अंबेदकर सभागार में आयोजित किया गया।
दरभंगा । जिला बाल संरक्षण इकाई के तत्वावधान में जिला के सभी बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारियों का प्रशिक्षण रविवार को समाहरणालय स्थित अंबेदकर सभागार में आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत हुआ। प्रशिक्षण कार्यक्रम का उदघाटन जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव संजीव कुमार सिंह ने किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुरू होने से पूर्व सहायक निदेशक रविशंकर तिवारी ने सभी अतिथियों तथा प्रशिक्षणार्थियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण बाल हित में मील का पत्थर साबित होगा। साथ ही सभी स्टेक होल्डर के साथ बाल हित में समन्वय स्थापित करने में सहूलियत होगी। इस दौरान प्रशिक्षक सह विधि परामर्शी राज्य बाल संरक्षण समिति पटना ने प्रशिक्षनार्थियों को बताया कि किसी भी किशोर पर जघन्य अपराध को छोड़कर छोटे-मोटे व गंभीर अपराध के मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं करके केवल जेनरल डायरी में अंकित कर किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष सामाजिक पृष्ठभूमि के साथ प्रस्तुत किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान बुनियादी सिद्धांतों पर चर्चा करते हुए कहा कि किशोरों को किसी भी हालत में हाजत नहीं ले जाना चाहिए और न ही हथकड़ी पहनाई जानी चाहिए। प्रशिक्षक राकेश कुमार ने बाल विवाह, बाल श्रम, लापता बच्चे, किसी वयस्क द्वारा कराए जा रहे अपराध में पुलिस की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर उपाधीक्षक मुख्यालय सह नोडल सुधीर कुमार, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य अजीत कुमार मिश्र व सदस्या कुमारी गुंजन, बाल संरक्षण पदाधिकारी पंकज सिन्हा व गोविद राम, चाइल्ड लाइन के रविद्र कुमार व अराधना कुमारी सहित कई थानाध्यक्ष तथा बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे।
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