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रात में जूनियर डॉक्टरों व नर्स के भरोसे होता मरीजों का इलाज

बेनीपुर स्थित अनुमंडलीय अस्पताल व बहेड़ा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर रविवार को दिन में तो मरीजों का समुचित इलाज होता है लेकिन रात में अधिकांश चिकित्सकों के ड़्यूटी से अनुपस्थित रहने के कारण मरीजों को नर्साें के भरोसे छोड़ दिया जाता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Sep 2019 02:05 AM (IST)Updated: Mon, 09 Sep 2019 02:05 AM (IST)
रात में जूनियर डॉक्टरों व नर्स के भरोसे होता मरीजों का इलाज
रात में जूनियर डॉक्टरों व नर्स के भरोसे होता मरीजों का इलाज

दरभंगा । बेनीपुर स्थित अनुमंडलीय अस्पताल व बहेड़ा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर रविवार को दिन में तो मरीजों का समुचित इलाज होता है, लेकिन रात में अधिकांश चिकित्सकों के ड़्यूटी से अनुपस्थित रहने के कारण मरीजों को नर्साें के भरोसे छोड़ दिया जाता है। बताया जाता है की रविवार को अनुमंडलीय अस्पताल बेनीपुर में तो कभी-कभार सीनियर डॉक्टर मिल जाते हैं, लेकिन बहेड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टरों का अता-पता नहीं रहता है। रविवार को बीमार होने पर देर रात मरीजों को बेनीपुर अनुमंडलीय अस्पताल व बहेड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचने में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। बताया जाता है कि आपातकालीन स्थिति में ग्रामीण इलाकों से मरीजों को लाने या फिर उनको घर तक पहुंचाने के लिए दोनों अस्पतालों में दो एंबुलेंस हैं, लेकिन ये एंबुलेंस रविवार को रात बारह बजे के बाद सूचना मिलने पर भी सुदूर ग्रामीण इलाकों में नहीं पहुंच पाते। ऐसे में अधिकांश मरीजों को देर रात या तो खटिया पर लादकर या फिर किसी टेंपो या रिक्शा पर दोगुना भाड़ा देकर अस्पताल लाने को परिजन मजबूर हैं। रात में यदि मरीज किसी तरह अस्पताल पहुंच भी जाते हैं तो यहां आने के बाद उनका शोषण ही होता है। बताया जाता है कि रात में अनुमंडलीय अस्पताल में तो सीनियर डॉक्टर रहते हैं, लेकिन बहेड़ा स्वास्थ्य केंद्र पर सीनियर डॉक्टर कभी-कभी ही नजर आते हैं। इस स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों का सरकारी आवास जर्जर रहने के कारण प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अमरनाथ झा अस्पताल से तीन किलोमीटर दूर बेनीपुर में रात को रहते हैं। इसके कारण मरीजों का इलाज संविदा पर बहाल जूनियर डॉक्टरों या नर्स के भरोसे ही होता है। डॉक्टरों की घोर कमी झेल रहे अनुमंडलीय अस्पताल के लोगों का कहना है कि उक्त दोनों अस्पतालों में आनेवाले अधिकांश मरीजों को यहां से देखने के बाद तुरंत डीएमसीएच के लिए रेफर कर दिया जाता है। अनुमंडलीय अस्पताल में अधिकांश प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला मरीजों को ही भर्ती कर रखा जाता है। उन्हें भी अधिकांश दवा अस्पताल के बगल में खुले दवा दुकानों से ही खरीदना पड़ता है। यही वजह है कि देर रात जहां बेनीपुर व बहेड़ा बाजार के अधिकांश दवा की दुकानें बंद रहती हैं, वही अनुमंडलीय अस्पताल और बहेड़ा स्वास्थ्य केंद्र के समीप दवा दुकानदार रात में भी सेवा देते हैं। अस्पताल में मरीजों को अधिकांश दवा नहीं दी जाती है। बेनीपुर अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती महिला मरीज सुमतिया देवी, रामपरी देवी, जोगन मुखिया आदि ने बताया की प्रसव वाली महिलाओं का इलाज यहां नर्स ही करते हैं। दवा भी बाहर से खरीदनी पड़ती है।

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