जिले के 398 में से 195 घाट अतिसंवेदनशील, संदिग्धों पर पुलिस की नजर
दरभंगा। लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर इस वर्ष कोरोना महामारी को देखते हुए विशेष व्यवस्था की गई है।
दरभंगा। लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर इस वर्ष कोरोना महामारी को देखते हुए विशेष व्यवस्था की गई है। जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम और वरीय पुलिस अधीक्षक बाबू राम ने संयुक्त तौर पर आदेश जारी किया है। बताया गया है कि वैश्विक महामारी व कोविड-19 को देखते हुए इस वर्ष विशेष तैयारी की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों एवं शहरी क्षेत्रों के घाटों पर जाने वाले लोगों को शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। खतरनाक घाटों पर विशेष प्रबंध के साथ भीड़-भाड़ से बचने के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं और अधिकारियों को लगाया गया है। घाटों पर यत्र-तत्र थूकना वर्जित कर दिया गया है। तालाब में अर्घ्य देने के दौरान डुबकी लेने से परहेज करने को कहा गया है। इसके लिए तालाब और नदियों में इस तरह बैरिकेडिग की गई है कोई डुबकी ना लगा सके। घाट के आस-पास खाद्य पदार्थ का स्टॉल लगाने की अनुमति नहीं होगी। पूजा दौरान कोई सामुदायिक भोज या प्रसाद का वितरण नहीं किया जाएगा। 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति, 10 वर्ष के कम उम्र के बच्चे, बुखार से ग्रस्त व्यक्ति एवं अन्य गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्ति को छठ घाट पर नहीं जाएं, इसके लिए लोगों से अपील की गई है। पूजा के अवसर पर किसी तरह का सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा। सभी अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, बीडीओ व सीओ सहित थानाध्यक्षों को सख्ती से दिए गए निर्देशों का क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने को कहा है। जारी किए गए निर्देश के उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51-60 के प्रावधानों सहित भारतीय दंड विधान की धारा-188 एवं अन्य सुसंगत धाराओं के अधीन कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया है। ------------------ छठ घाट की सुरक्षा को ले ब्लू प्रिट तैयार : एसएसपी बाबू राम ने छठ घाटों की सुरक्षा को लेकर ब्लू प्रिट तैयार किया है। तालाब व बाजार की सुरक्षा को ले उन्होंने पुलिस पदाधिकारियों व जवानों को सादे लिबास में तैनात कर दिया है। बाइक से पेट्रोलिग कराने की बात कही गई है। तालाब की निगरानी सीसीटीवी से कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त तालाब के क्षेत्रफल के अनुपात में वीडियो कैमरा के माध्यम से संदिग्धों पर नजर रखी जाएगी। उन्होंने बताया कि हर तालाब और नदी घाटों पर बैरिकेडिग की व्यवस्था की गई है। इसके लिए उन्होंने पोषक क्षेत्र के सभी पुलिस पदाधिकारियों को पहले से निरीक्षण कर सुरक्षा घेरा लगाने का आदेश दिया था। तालाब व नदी में गोताखोर व बोट के अलावा ट्यूब पर्याप्त मात्रा व्यवस्था की गई है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ से भी सहयोग लिया जाएगा। शहरी क्षेत्र के 80 और ग्रामीण क्षेत्र के 318 छठ घाटों में विधि-व्यवस्था संधारण के लिए 195 अतिसंवेदनशील स्थलों पर दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी व पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गई है। इसके साथ ही शहरी क्षेत्र को 08 सेक्टर में बांटकर पेट्रोलिग की व्यवस्था की गई है जो प्रस्तावित मार्गों में गतिशील रहकर विधि-व्यवस्था का संधारण करेंगे। सभी घाटों को ए, बी और सी भागों में बांटकर अतिसंवेदनशील, संवेदनशील और सामान्य घाटों में वर्गीकरण किया गया है। प्रमुख घाटों की निगरानी सीसीटीवी कैमरा से की जाएगी। समाहरणालय में 22 नवंबर तक के लिए 24 घंटे के लिए नियंत्रण कक्ष खोला गया है। किसी भी तरह की सूचना 06272-240600 फोन नंबर दी जा सकती है। सीएस को विशेष चौकस रहने को कहा गया है। नियंत्रण कक्ष, सहायक नियंत्रण कक्ष, प्रमुख घाटों पर एंबुलेंस, चिकित्सा की सुविधा, जीवन रक्षक दवाइयां की व्यवस्था करने को कहा गया है। एसएसपी राम, नगर एसपी अशोक कुमार सहित कई पुलिस पदाधिकारियों ने गुरुवार को प्रमुख छठ घाटों का निरीक्षण कर विधि व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान संबंधित पुलिस पदाधिकारियों को चौकस रहने का निर्देश दिया। संदिग्धों पर पैनी नजर रखने को कहा गया। साथ ही किसी तरह की सूचना मिलने पर अविलंब वरीय पदाधिकारियों से शेयर करने को कहा। सभी पुलिस कर्मियों को 21 नवंबर तक प्रमुख व चिन्हित छठ घाटों पर तैनात रहने की हिदायत दी गई है। सदर, कमतौल, बेनीपुर और बिरौल एसडीपीओ पोषक क्षेत्र के एसडीओ के साथ क्षेत्र में भ्रमण करने और गतिविधियों पर नजर रखने की बात कही। वहीं, सभी बीडीओ और सीओ अपने-अपने क्षेत्र में छठ घाट का भ्रमण कर विधि व्यवस्था पर नजर रखेंगे। यातायात व्यवस्था सु²ढ़ बना रहे इसलिए सभी ट्रैफिक पोस्ट पर जवान को तैनात रहने को कहा गया है।