भारतीय संस्कृति की धरोहर है गुरु पूजन पर्व
गुरु पूर्णिमा पर मंगलवार को मंदिरों में सुबह से ही पूजा करने वालों का तांता रहा। इसके साथ ही लोगों ने अपने गुरुजनों को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लिया। शहर के कोचिग संस्थानों में गुरु पूर्णिमा की धूम रही।
दरभंगा । गुरु पूर्णिमा पर मंगलवार को मंदिरों में सुबह से ही पूजा करने वालों का तांता रहा। इसके साथ ही लोगों ने अपने गुरुजनों को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लिया। शहर के कोचिग संस्थानों में गुरु पूर्णिमा की धूम रही। छात्र-छात्राओं ने अपने शिक्षकों को कई उपहार भेंट किए। शिक्षकों ने भी बच्चों के सुनहरे भविष्य की शुभकामनाएं दी। विभिन्न जगहों पर कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। राष्ट्रभाषा हिदी विकास परिषद के तत्वाधान में नया गंगासागर स्थित प्रेरणा मंदिर में गुरु पूर्णिमा समारोह का आयोजन किया गया। अध्यक्षता साहित्यकार हीरालाल सहनी ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से हुई। वेद व्यास की तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया गया। गुरु के महत्व पर प्रकाश डालने वालों में महाकांत प्रसाद, इंजीनियर रामप्रसाद साहनी, प्रकाश प्रभाकर, डॉ. रविद्र कुमार सिंहा, आभा मल्लिक, शालिनी, रोहिणी, डॉली कुमारी, शत्रुघ्न ठाकुर, विद्या कुमार झा, आनंद कुमार, ई. रामचंद्र मंडल आदि शामिल थे। अध्यक्षता करते हुए श्री साहनी ने कहा कि आषाढ़ मास की पूर्णिमा को ही गुरु पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा कहते हैं। हिदू धर्म में इस पूर्णिमा का विशेष महत्व है। धर्म ग्रंथों के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु के अवतार वेदव्यास का जन्म हुआ था। इन्होंने महाभारत आदि कई महान ग्रंथों की रचना की है। कौरव-पांडव आदि सभी इन्हें गुरु मानते थे। कहा कि बिना गुरु के मार्गदर्शन के परीक्षा में सफलता कठिन हो जाती है। वेदव्यास ने आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन से ब्रह्मा सूत्र की रचना शुरू की थी। हमे उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। कार्यक्रम का संचालन भुवनेश्वर देव व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मदन लाल केवट ने किया। इधर, दरभंगा सेंट्रल स्कूल की कृष्णा विहार शाखा में गुरु पूर्णिमा श्रद्धा व हर्षोल्लास के माहौल में मनाया गया। इस अवसर पर स्कूल के संस्थापक आध्यात्मिक चितक, शिक्षाविद, दार्शनिक चितक व समाज सुधारक आचार्य सुदर्शनजी महाराज के तस्वीर पर पुष्प अर्पित एवं भजन गायन के साथ उनके विचारों को आत्मसात करने पर बल दिया गया। प्राचार्य एके कश्यप ने कहा कि गुरु के प्रति सच्ची श्रद्धा रख कर ही हम ज्ञान का विकास करते हैं। वह हमें जीवन में जीवन जीने की कला सिखा कर लोक-परलोक के मार्ग को सुगम बनाते हैं। आचार्य सुदर्शनजी महाराज मानव को मानवता से ओतप्रोत कर सबका कल्याण चाहते हैं। गुरु में ऐसी शक्ति होती है जो हमें परमात्मा तत्व से मिलाती है। कार्यक्रम के दौरान सुदर्शनजी महाराज के शुभकामना संदेश को प्रेषित किया गया। रिया चौधरी, बबलू कुमार, अक्षय कुमार, रुपेश कुमार, ओम कुमार, भवनाथ झा, शैलेंद्र नाथ झा, सरोज कुमार, मनोज कुमार सिंह, अतीश कुमार मिश्र समेत कई शिक्षक व छात्र-छात्राएं कार्यक्रम में मौजूद रहे। संचालन आनंद मिश्रा ने किया। अंत में प्रसाद वितरण भी किया गया।
-----------
कमतौल : गुरु पूर्णिमा के अवसर पर मंगलवार को लोगों ने अपने-अपने गुरुओं का चरण स्पर्श कर आशीर्वाद ग्रहण किया। इस अवसर पर आशीर्वाद दे रहे गुरु व गौतम आश्रम के पीठाधीश्वर महावीर शरण दासजी महाराज ने कहा कि गुरु पूजन पर्व भारतीय संस्कृति की धरोहर है। इस पर्व में गुरुवर अपने शिष्य को अपनी दिव्य साधना रूपी संपदा का एक अंश प्रदान करते है, जिस अंश को प्राप्त कर शिष्य धन्य हो जाता है। यह सनातन वैदिक पर्व व अनुशासन पर्व भी माना जाता है। अनुशासित जीवन ही प्रगति कारक बनता है, जिससे लोक परलोक दोनों में सुख शांति मिलती है।
------------
हायाघाट : गुरुपूर्णिमा के अवसर पर मिथिला के प्रसिद्ध विद्वान ज्योतिर्विद स्व. पं. रामचंद्र झा की पुण्य स्मृति में मंगलवार को सहोड़ा गांव में विश्व जन कल्याणार्थ अष्टयाम संकीर्तन का आयोजन किया गया। इस दौरान मैथिली गायक कमल किशोर, प्रतिभा चौधरी, नरेंद्र सिंह के भक्तिपूर्ण गायन से पूरा वातावरण झूम उठा। संपूर्ण सहोड़ा गांव का वातावरण भक्तिमय बना रहा। पंडित स्व. झा के पुत्र प्रधानाध्यापक अरुण कुमार झा के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम को सफल बनाने में गोपेश झा, अनुपम झा सक्रिय रहे। बता दें कि यह कार्यक्रम विगत 23 सालों से प्रत्येक वर्ष विश्व जन कल्याणार्थ किया जाता है। कार्यक्रम में लोग बढ़-चढ़ कर भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम में वरीय अधिवक्ता सीयाराम चौधरी, सुशील चौधरी, अमर चौधरी, पूर्व मुखिया सच्चिदानंद झा उर्फ गुड़कुन बाबा, दिलीप चौधरी, रमणजी चौधरी, गोपेश झा, अनुपम झा, कमल चौधरी, राजाराम मिश्रा, सरोज झा, संजीव ठाकुर, सुबोध चौधरी, शाबिर मंसूर, माधव लाभ, अमित कुमार, रागिनी सहित कई लोगों ने भाग लिया।