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कमला-बलान ने गौड़ाबौराम के कई गांवों में मचाया तांडव

गौड़ाबौराम प्रखंड के जमुनिया में कमला-बलान नदी का पश्चिमी तटबंध टूटने से 25 हजार की आबादी बुरी तरह से प्रभावित हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 12:02 AM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 06:34 AM (IST)
कमला-बलान ने गौड़ाबौराम के कई गांवों में मचाया तांडव
कमला-बलान ने गौड़ाबौराम के कई गांवों में मचाया तांडव

दरभंगा। गौड़ाबौराम प्रखंड के जमुनिया में कमला-बलान नदी का पश्चिमी तटबंध टूटने से 25 हजार की आबादी बुरी तरह से प्रभावित हैं। बांध पर लगा 11 हजार वोल्ट का बिजली का खंभा भी उखड़ कर गिर गया। इससे कुछ देर के लिए अफरातफरी मच गई। तटबंध के टूटने से नए इलाकों में बाढ़ का पानी तेजी से फैलने के कारण लोगों के बीच दहशत का माहौल है। तटबंध के आसपास के गांव बाथ, आधारपुर, बौराम, अखतवारा, कोठराम के सैकड़ों लोग घर खाली कर ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि इससे गौड़ाबौराम के सभी 13 पंचायतों एवं बिरौल के 5 पंचायत भी बाढ़ से प्रभावित होंगे। बाढ़ में फंसे लोग निजी नाव से या पानी मे तैरकर ऊंचे स्थान पर जा रहे है। कही भी सरकारी नाव, शरणार्थियों के लिए कैंप, स्वास्थ्य कैंप, मवेशी का चारा, एनडीआरएफ की टीम का कोई अता-पता नहीं। बाढ़ पीड़ित बाथ गांव के सैनी राम, परमेश्वर राम, सुशील राम, संजी राम, गनेसी सदा आदि ने बताया कि सुबह में ही अधिकारियों को बांध में रिसाव की सूचना दी गई थी। लेकिन किसी ने सुधि नहीं ली। वहीं देवेंद्र पंडित, राजेश पंडित, मंजय पंडित ने बताया कि घर के ऊपर से पानी बह रहा है। अभी तक एक भी अधिकारी-जनप्रतिनिधि ने सुधि नहीं ली। बाढ़ पीड़ित खुले आसमान के नीचे बांध पर शरण लेने पर विवश है।

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सीओ को झेलना पड़ा आक्रोश

सीओ विनोद कुमार जब बाढ़ पीड़ितों का हाल जानने रही टोल पहुंचे तो लोगों ने अपना आक्रोश जताया। बताया कि बाढ़ पीड़ितों के लिए एक नाव तक उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। मालूम हो कि विगत डेढ़ माह पूर्व से ही बाढ़ की तैयारी जोरों से चल रहा थी। डीएम ने सभी प्रखंड अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया था कि सभी क्षतिग्रस्त तटबंधों की मरम्मति व राहत कैंप को समय से पूर्व तैयार कर ले। बावजूद स्थानीय अधिकारी सजग नही हुए। इससे पूर्व लोजपा के प्रखंड अध्यक्ष राजकुमार झा ने कई बार पत्र लिखकर बांध की मरम्मति कराने की मांग की थी।

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कहते हैं जनप्रतिनिधि

स्थानीय जिला परिषद सदस्य मो. अब्बुल खैर ने बताया कि अभी भी कई जगह पर लोग बाढ़ में फंसे हुए है। इसे निकालने के लिए एनडीआरएफ की टीम एवं बाढ़ पीड़ितों के लिए शरणस्थली, पेयजल, स्वास्थ्य, पशुचारा, भोजन, शौचालय सहित सभी सामाग्री की मांग प्रशासन से की गई है।

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