टूटे बांध की अब तक मरम्मत नहीं, पानी बढ़ने से बढ़ी बाढ़ की आशंका
पिछले पांच दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश से किसानों में खुशी है। खेतों में धान की रोपनी शुरू हो गई है। लेकिन गुरुवार की रात झमाझम बारिश से खेतों में रोपा धान डूब गया है। ि
दरभंगा । पिछले पांच दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश से किसानों में खुशी है। खेतों में धान की रोपनी शुरू हो गई है। लेकिन, गुरुवार की रात झमाझम बारिश से खेतों में रोपा धान डूब गया है। किसान प्रेम कुमार धीर ने बताया कि इसी तरह बारिश होती रही और उसके बाद तेज धूप निकली तो रोपा गया धान खेतों में ही गल जाएगा। इधर, लगातार हो रही बारिश से क्षेत्र के अधवारा समूह की खिरोई व बुढ़नद नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। नदी की पेटी से ऊपर तक पानी भर गया है। लोग बाढ़ की आशंका से भयभीत होने लगे हैं। बता दें कि सीतामढ़ी जिला की नदियों से आए बाढ़ के पानी से ही जाले प्रखंड बाढ़ से प्रभावित होता रहा है। जाले प्रखंड के सहसपुर पंचायत के घोघराहा के सामने सीमावर्ती सीतामढ़ी जिला के पुपरी प्रखंड के हरदिया पंचायत से गुजरने वाली बुढ़नद नदी का दायां टूटा तटबंध की मरम्मत अब तक नहीं की गई है। रामपुर पचासी व विक्रमपुर गांव के निकट स्लूईस गेट संख्या 881 एवं 882 के निकट बांध टूटी हुई है। जिस रफ्तार से नदी के पानी में बढ़ोतरी हो रही है, अगर यह जारी रहा तो जाले प्रखंड में बाढ़ तांडव करेगा। इस बांध को बांधने या इसकी मजबूती के लिए अब तक कोई उपाय नहीं किए गए हैं। अंचलाधिकारी कमल कुमार ने जिला पदाधिकारी को अपना प्रतिवेदन भेजा है। 3 जुलाई को जाले में आयोजित प्रखंड क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों के साथ विकास योजनाओं की हुई समीक्षा बैठक में जिला पदाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम का इस ओर ध्यान आकृष्ट कराए जाने पर उन्होंने बैठक से ही मुजफ्फरपुर के जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता, बिहार सरकार के मुख्य अभियंता व सरकार के मुख्य सचिव से इस संदर्भ में दूरभाष पर बात की थी। लेकिन, अब तक बुढ़नद नदी के टूटे स्लूईस गेट व तटबंधों की मरम्मत नहीं हो पाई है।
--------------