47 सालों में जून माह में सबसे कम बारिश,सात के बाद मानसून की सक्रियता बढ़ने के आसार
मानसून की दगाबाजी इस साल भी जारी है। शहरी क्षेत्र में झमाझम बारिश का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा।
दरभंगा। मानसून की दगाबाजी इस साल भी जारी है। शहरी क्षेत्र में झमाझम बारिश का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। एक सप्ताह से शहरी क्षेत्र में लोग बारिश की उम्मीद कर रहे, लेकिन काले मेघ लोगों को निराश ही कर रहे हैं। गुरुवार को भी मौसम की दगाबाजी ने लोगों को निराश किया। सुबह से ही आसमान में काले बादल मंडराते रहे। दिन में कई बार तेज हवाएं भी चलीं। कुछ देर तक बारिश की फुहारें बरसी, लोगों को लगा कि अब झमाझम बारिश होगी, लेकिन शाम तक ऐसा नहीं हुआ। हालांकि, पिछले कुछ दिनों में ग्रामीण इलाकों में बारिश हुई, लेकिन शहरी क्षेत्र अब भी इससे अछूता है। लगातार बादल छाए रहने से तापमान में थोड़ी कमी आई है, मौसम सुहाना हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार 7 जुलाई तक उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में मानसूनी बादल छाए रहेंगे। इस दौरान उत्तर बिहार के मैदानी एवं तराई जिलों में कहीं-कहीं हल्की वर्षा का अनुमान है। उसके बाद मानसून की सक्रियता बढ़ने की संभावना है, यानी की उसके बाद मध्यम बारिश हो सकती है। जून में औसत से काफी कम बारिश :
मौसम विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जून माह में अब तक बारिश का आंकड़ा औसत से काफी कम है। जून माह में औसतन बारिश 170-175 एमएम होनी चाहिए, लेकिन इस बार अब तक जून माह में सबसे कम केवल 35 एमएम बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 47 सालों में इस बार जून में सबसे कम बारिश हुई है। 2011 के बाद से नहीं हुई औसत वर्षा :
वर्ष 2011 के बाद से अब तक जून माह में औसत वर्षा नहीं हुई है। जून माह में औसत वर्षा 170-175 एमएम होनी चाहिए, जून 2011 में 299.3 एमएम बारिश हुई थी। लेकिन, उसके बाद आंकड़ा साल दस साल कम होता चला गया। बारिश में पिछले तीन साल से लगातार कमी बनी हुई है। जून 2012 में 87.2 एमएम, 2013 में 130.8 एमएम, 2014 में 93.2 एमएम, 2015 में 55.4 एमएम, 2016 में 105.1 एमएम बारिश दर्ज की गई जो औसत से कम रही। जून 2017 में 64.2 एमएम, 2018 में 44.4 एमएम और 2019 में जून माह में अब तक मात्र 35.0 एमएम दर्ज हुई है।