शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ठ योगदान के 16 शिक्षक हुए सम्मानित
दरभंगा। बिहार प्रदेश जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ की ओर से रविवार को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के जुबली हॉल में प्रमंडलीय शिक्षा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
दरभंगा। बिहार प्रदेश जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ की ओर से रविवार को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के जुबली हॉल में प्रमंडलीय शिक्षा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। समारोह की अध्यक्षता जदयू के मधुबनी जिलाध्यक्ष नर्मदेश्वर मिश्र ने किया। समारोह में शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष सह संबद्ध महाविद्यालय संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ. राम मोहन झा ने वित्त रहित कॉलेजों से संबंधित दो प्रस्ताव प्रस्तुत किए जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। वहीं, अतिथि शिक्षकों की ओर से डॉ. अभय पाठक ने प्रस्ताव प्रस्तुत किया जिसे ध्वनि मत से पारित किया गया। अतिथियों का स्वागत प्रो. अखिल रंजन झा, प्रो. संजीव कुमार झा, जटाशंकर झा, रतन प्रसाद परवा, नवीन कुमार झा, नरेंद्र मिश्र व राजेंद्र यादव ने किया। समारोह में प्रदेश अध्यक्ष डॉ. कन्हैया सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार धर्मनिरपेक्ष दिखाने के लिए नहीं, बल्कि वास्तव में धर्मनिरपेक्ष हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि बिहार में एनआरसी कभी नहीं लागू होने दिया जाएगा। सूबे के आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने अपने संबोधन के क्रम में बिहार सरकार की शराबबंदी, दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान समेत अन्य सामाजिक उपलब्धियों की ओर ध्यान आकृष्ट कराया। साथ ही जल-जीवन-हरियाली योजना की सफलता के लिए अपील करते हुए कहा कि यह योजना हमारी भावी पीढ़ी के सुंदर भविष्य के लिए समय की मांग बन चुकी है। अगर आज हम इस दिशा में सचेत नहीं हुए तो हमारी आने वाली पीढ़ी हमें कभी माफ नहीं करेगी। अंत में प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. राम मोहन झा ने सम्मेलन में भाग लेने के लिए शिक्षा जगत से जुड़े लोगों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। सम्मेलन को संबोधित करने वालों में प्रो. संजीव कुमार झा, प्रो. अशोक सिंह, प्रो. अखिल रंजन झा, मो. शहजाद मंजर, जटाशंकर झा, नरेंद्र मिश्र, राजेंद्र यादव, नवीन कुमार झा आदि शामिल रहे। सम्मेलन के दौरान प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष कई शिक्षकों ने जदयू की सदस्यता ग्रहण की। कार्यक्रम के दौरान शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए कुल 16 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। ये प्रस्ताव हुए पारित डॉ. राम मोहन झा ने जो प्रस्ताव प्रस्तुत किए उनमें वित्त रहित शिक्षण संस्थानों में अनुदान के स्थान पर स्थायी वेतनमान की व्यवस्था कराने की प्रमुख मांग रही। इसके साथ ही इंटर कॉलेजों को प्रबंध समिति एवं संबद्ध डिग्री कॉलेजों को शासी निकाय के चंगुल से मुक्त कराने की बात कही गई। दोनों ही प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए। ये शिक्षक हुए सम्मानित सम्मेलन के दौरान कुल 16 शिक्षकों को शिक्षा प्रकोष्ठ की ओर से सम्मानित किया गया। इनमें लनामिविवि के पूर्व कुलपति प्रो. राजकिशोर झा, संस्कृत विवि के पूर्व कुलपति डॉ. उपेंद्र झा, आइबीएम बेला के निदेशक डॉ. एलपी सिंह, लनामिविवि के कॉलेज निरीक्षक कला-वाणिज्य डॉ. मोहन मिश्रा, राजकीय सम्मान प्राप्त जितवारपुर के शिक्षक नागेंद्र यादव, खुटौना कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य प्रो. महेंद्र प्रसाद सिंह, मारवाड़ी कॉलेज के रिटायर्ड शिक्षक डॉ. कमल नारायण झा, सीएम कॉलेज के रिटायर्ड शिक्षक डॉ. मो. मोहसिन, नेहरा कॉलेज के रिटायर्ड प्रिसिपल डॉ. विजयेंद्र झा, राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त शिक्षिका आशा झा, राजकीय सम्मान प्राप्त शिक्षिका आशा पंडित, नियो आइ केयर के निदेशक शाहिद अतहर, लनामिविवि के नवनिर्वाचित सीनेट सदस्य डॉ. राम सुभग चौधरी, डॉॅ. विजय झा व डॉ. शंभु नाथ ठाकुर एवं पीडीजेके कॉलेज के प्रो. जितेंद्र केसरी शामिल रहे।