आमदनी का 105 फीसद कर्मियों के वेतन-पेंशन पर होगा खर्च : विधायक
दरभंगा। सुंदरपुर स्थित महात्मा गांधी कॉलेज में शासी निकाय की बैठक अध्यक्ष सह नगर विधायक संजय सरावगी की अध्यक्षता में हुई। इसमें कोरोना महामारी की विषम परिस्थिति को देखते हुए शिक्षकों एवं कर्मचारियों के हित में अब तक के आय का 105 फीसद वेतन-पेंशन पर खर्च करने सहित कई अहम निर्णय किए गए।
दरभंगा। सुंदरपुर स्थित महात्मा गांधी कॉलेज में शासी निकाय की बैठक अध्यक्ष सह नगर विधायक संजय सरावगी की अध्यक्षता में हुई। इसमें कोरोना महामारी की विषम परिस्थिति को देखते हुए शिक्षकों एवं कर्मचारियों के हित में अब तक के आय का 105 फीसद वेतन-पेंशन पर खर्च करने सहित कई अहम निर्णय किए गए। बैठक में विश्वविद्यालय प्रतिनिधि के रूप में लनामिवि के कुलानुशासक डॉ. अजीत कुमार चौधरी ने विधायक के प्रस्ताव का जोरदार समर्थन कर इसे पारित करवाया। बैठक में एक अक्टूबर 2019 से 15 जून 2020 तक के आय-व्यय का अनुमोदन किया गया। इस अवधि में आय के रूप में कॉलेज को 37 लाख 32 हजार 348 रुपये प्राप्त हुए। कोरोना की अवधि में 20 मार्च से 15 जून तक में मात्रा 29 हजार 581 रुपये प्राप्त हुए। इस आय से वेतन-पेंशन में मिलाकर 31 लाख 57 हजार 485 रुपये व्यय हो गए जो आय का 84.59 प्रतिशत होता है। मात्रा 5 लाख 74 हजार 863 रुपये अवशेष रहे। शासी-निकाय ने यह रेखांकित किया कि अगस्त से पहले नामांकन शुरू होने की संभावना नहीं है, इसलिए अभी कोई आय की संभावना नहीं है और शिक्षा कर्मियों को जून व जुलाई का वेतन-पेंशन देना होगा, जिसमें प्रत्येक माह 3.74 लाख व्यय के हिसाब से 7 लाख 48 हजार रुपये की और आवश्यकता होगी। अध्यक्ष संजय सरावगी ने कहा कि अर्थ के अभाव में अभी किसी भी हालत में वेतन बंद नहीं होना चाहिए और अवशेष राशि में कॉलेज के अन्य किसी खाते में पूर्व से संचित राशि को प्राप्त कर वेतन भुगतान जारी रखा जाए। बाद में आय आने पर राशि लौटा दी जाएगी। इसका जोरदार समर्थन विश्वविद्यालय प्रतिनिधि डॉ. चौधरी और शिक्षक प्रतिनिधि डॉ. मदन लाल केवट ने भी किया। इस प्रकार आय का 105 प्रतिशत वेतन-पेंशन में खर्च करने का प्रस्ताव पारित कर कॉलेज के शासी-निकाय ने एक उदाहरण पेश किया है। शासी-निकाय ने इंटर से आनेवाले 50 लाख अनुदान के लिए कॉलेज द्वारा तैयार भुगतान विवरणी को भी अनुमोदित कर दिया, जिससे अनुदान आने पर भुगतान में विलंब नहीं हो। प्रधानाचार्य ने ऐतिहासिक निर्णय के लिए अध्यक्ष एवं विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि को धन्यवाद दिया। बैठक में शासी-निकाय के सचिव डॉ. हरि नारायण सिंह, प्रधानाचार्य डॉ. रामदेव चौधरी और शिक्षक प्रतिनिधि डॉ. मदन लाल केवट उपस्थित थे।