Move to Jagran APP

वाह रे सिस्टम! एक ही प्रखंड के दो पंचायतों में सूखा और तीन में बारिश

बक्सर मानसून की बेरुखी का शिकार हो चुके प्रखंड के तीन किसानों को अब पता चला कि एक ही प

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 May 2020 05:17 PM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 06:10 AM (IST)
वाह रे सिस्टम! एक ही प्रखंड के दो पंचायतों में सूखा और तीन में बारिश
वाह रे सिस्टम! एक ही प्रखंड के दो पंचायतों में सूखा और तीन में बारिश

बक्सर : मानसून की बेरुखी का शिकार हो चुके प्रखंड के तीन किसानों को अब पता चला कि एक ही प्रखंड के चौगाई और खेवली पंचायत में सूखा होने के कारण किसानों को फसल की अनुदान राशि मिल गई है, लेकिन मुरार, मसर्हियां और नचाप इलाके में झमाझम बारिश होने से बेहतर उत्पादन हुआ है। यह पूरा गड़बड़ कृषि विभाग की ओर से हुआ है और इससे किसानों में आक्रोश व्याप्त है। प्रखंड के कृषि और सहकारिता विभाग के अधिकारियो की उदासीन रवैया का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।

prime article banner

बार-बार प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाने के बाद जब किसानों को यह पता चला कि प्रखंड के दो पंचायतों के तो आवेदन स्वीकृत हुए, लेकिन तीन पंचायतों के सभी किसानों के आवेदन रद्द हो गए हैं। विभाग के पोर्टल पर यह दिखाया जा रहा है कि इन पंचायतों में फसलों पर मौसम की मार नहीं हुई है और यहां अनाज की बंपर पैदावार हुई है। पोर्टल पर क्षति का आंकड़ा शून्य दिखाया जा रहा है। जिसके वजह से इन पंचायतों में रहने वाले किसानों को फसल क्षति पूर्ति का अनुदान नहीं मिलेगा। इस संबंध में कुछ दिन पहले इन पंचायतों के प्रतिनिधि क्रमश: बसंत यादव, शिवजी प्रसाद और नचाप मुखिया बीर सिंह ने संबंधित अधिकारियों से बात की तो पता चला कि राज्यस्तरीय टीम के द्वारा क्राप कटिग के आधार पर सर्वेक्षण कराई गई थी, जिसमे फसल की क्षतिपूर्ति तीस फीसदी से कम होने पर आवेदक किसानों का आवेदन र² करते हुए पोर्टल पर जीरो दिखा दिया।

इन पंचायतों के किसानो ने किया आवेदन

खरीफ फसल के दौरान लगातार सूखे की समस्या झेल रहे किसानो ने कृषि विभाग के निर्देश पर फसल क्षतिपूर्ति के लिए आवेदन किया। बताते चले कि क्रमश: मुरार, मसर्हियां और नचाप पंचायत में 653, 1,237 और 685 किसानों ने खरीफ फसल अनुदान के लिए आवेदन दिया था। फिलहाल इन किसानों को पोर्टल पर जीरो दिखाने के कारण क्षतिपूर्ति का लाभ नहीं मिलेगा।

------------------

राज्य स्तरीय टीम के द्वारा तीनों पंचायतों में कराये गए क्रॉप कटिग के माध्य म से सर्वेक्षण कराई गई थी, जिसमे फसल की क्षति जिन पंचायतों में तीस फीसदी से कम हुई, वहां के किसानों का आवेदन सिस्टम में स्वत: रद हो गया।

अखिलेश कुमार, जिला सहकारिता पदाधिकारी, बक्सर।

-------------------

कहते हैं किसान

ओझाबरॉव गांव के किसानों में अभिषेक कुमार ओझा, नथुनी ओझा, राजभूषण ओझा, गुड़िया देवी, सुमित्रा देवी, मुन्नाओजी ओझा, उमाशंकर ओझा और नित्याझनंद ओझा सहित कई किसानों का कहना है कि आवेदन स्वी्कृत करने में भी भेदभाव किया गया है। इस मामले को किसान आगे ले जाने की तैयारी में हैं। ऐसा मामला प्रखंड इलाके के विभिन्न पंचायतों में रहने वाले किसानों से भी जुड़ा है। पहले खरीफ फसल क्षतिपूर्ति में बेहतर उत्पादन दिखाया गया, अब रबि फसल में आवेदन निरस्त कर दिया गया। हालांकि, कृषि विभाग की बीटीएम प्रियंका मेहता का कहना है कि आवेदन भरने में जिन किसानों के गलतियां कीं, उन्हीें के आवेदन निरस्त हुए हैं, इसमे किसी अधिकारियो का कोई रोल नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.