रंगोत्सव को लगे इंटरनेट के पंख
बक्सर। केसठ मुख्य बाजार के प्रमोद राय सउदी अरब के एक मैने¨जग कंपनी में कार्यरत है। छुट्टी
बक्सर। केसठ मुख्य बाजार के प्रमोद राय सउदी अरब के एक मैने¨जग कंपनी में कार्यरत है। छुट्टी नहीं मिलने के कारण इस साल वह होली में घर नहीं आ रहे हैं। लेकिन, फेसबुक के जरिये यहां फगुआ के हर बयार को महसूस कर रहे हैं।
दरअसल, तेजी से बदले इस सामाजिक परिवेश में त्योहार मनाने का भी तरीका बदल रहा है। नतीजा यह है की सूचना प्रोद्योगिकी के बढ़ते कदम ने होली जैसे पर्व को भी हाईटेक बना दिया है। इस अवसर पर एक-दूसरे के साथ खुशियां बांटने के लिए इंटरनेट व मोबाइल का प्रयोग शुरू हो गया है। होली पर बधाई देने के लिए इंटरनेट से चे¨टग की जा रही है। वहीं, एसएमएस भेजने के लिए भिन्न-भिन्न कंपनियों द्वारा सस्ते आफर पैकेज की तलाश कर मोबाईलों में बैलेंस डलवाया जा रहा है। दूसरी तरफ , नेट पैक डलवाने की होड़ युवा वर्ग में देखी जा रही है। ताकि, अपने से दूर बैठे मित्रों, रिश्तेदारों व शुभ¨चतकों को बधाई संदेश भेज होली की खुशिया बांटी जाए।
ग्री¨टग्स की बिक्री कमहोली पर्व के मौके पर भेजे जाने वाले खूबसूरत ग्री¨टग्स के कद्रदानों की कमी है। लिहाजा, इसके प्रति यहां के व्यवसायी उदासीन है। व्यवसायी सुशील चौरसिया ने बताया की होली ग्री¨टग्स के लिये आनेवाले ग्राहकों की संख्या शून्य हो गयी है। जिससे कारण होली विशेष ग्री¨टग्स नहीं मंगाए जाते।
संदेश भेजने का माध्यम बना इंटरनेटहोली के मौके पर बधाई संदेश भेजने वालों की कोई कमी नहीं है। अभी से ही फेसबुक, वाट्सएप व अन्य साईटों पर एक से बढ़कर एक व्यंग्यात्मक लेख, कविता व जोगिरा भेजने की कवायद शुरू हो गई है। इंटरनेट के साईटों पर डाले गए विभिन्न गायकों द्वारा गाये होली के गीतों का लोग खूब लुत्फ उठा रहे हैं।
आम लोगों की नजर में हाईटेक होलीसमाजिक कार्यकर्ता धनंजय यादव का कहना है की इंटरनेट की दुनिया ने पर्व व त्योहार मनाने का दायरा बढ़ा दिया है। जो सुखद अहसास है। इसके माध्यम से जहां कम खर्च में देश-विदेश में रह रहे अपने चहेतों को संदेश भेज दिया जाता है। वहीं, पर्वो के बहाने उनकी याद भी ताजा हो जाती है।