बक्सर की एतिहासिक पंचकोश यात्रा कल से
बक्सर। भगवान श्रीराम की स्मृतियों से जुड़ी बक्सर की प्रसिद्ध पंचकोश यात्रा सोमवार को अहिरौली से
बक्सर। भगवान श्रीराम की स्मृतियों से जुड़ी बक्सर की प्रसिद्ध पंचकोश यात्रा सोमवार को अहिरौली से प्रारंभ होगी। पांच दिनों तक चलने वाली इस यात्रा के पहले दिन अहिरौली में स्थित माता अहिल्या मंदिर में भक्त पूजा अर्चना करेंगे और पुआ का प्रसाद ग्रहण करेंगे। रात में यहीं विश्राम के बाद श्रद्धालुओं का जत्था यात्रा के दूसरे पड़ाव नदांव के लिए मंगलवार की अहले सुबह प्रस्थान करेगा।
पंचकोश यात्रा तैयारी समिति से जुड़े व विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व प्रवक्ता राम नाथ ओझा ने बताया कि वनवास जाने से पूर्व भगवान श्रीराम का बक्सर में पदार्पण हुआ था और भाई लक्ष्मण व मां सीता के साथ उन्होंने यहां पांच जगह प्रवास किया था। उसी स्मृति में पंचकोश यात्रा का हर साल आयोजन यहां युगों से होता आया है। यात्रा में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में साधु संतों का जत्था पहुंचा है। यात्रा रामरेखाघाट से प्रात:काल से ही स्नान-ध्यान करके पंचकोशी के प्रथम पड़ाव अहिरौली के लिये प्रस्थान करेगी। इसका समापन 4 दिसंबर को चरित्रवन में आयोजित होने वाले लिट्टी-चोखा मेला के साथ होगा। कार्यक्रम को लेकर समिति ने सोमवार को एक बैठक की। जिसमें परिक्रमा से संबंधित विभिन्न स्थलों की तैयारी की समीक्षा की गई। समिति के सचिव श्री ओझा ने बताया कि जिला प्रशासन के साथ समिति की हुई बैठक में मेला स्थलों की साफ-सफाई व सुरक्षा संबंधित आश्वासन उनकी तरफ से प्राप्त हो चुका है। असल में इस दरम्यान श्रद्धालु अहिरौली, नदांव, भभुवर, नुआंव व चरित्रवन पर अंतिम पड़ाव के दिन पंद्रह तारीख को लिट्टी-चोखा का प्रसाद ग्रहण कर पूरा करेंगे। खास बात यह है कि इस अंतिम पड़ाव के दिन शहर व आसपास के इलाके से लगायत अन्य शहरी क्षेत्रों से भी लोग जुटते है। धर्मिक अख्यानों में यह मान्यता है कि यह परंपरा त्रेतायुग से ही चली आ रही है। इस दरम्यान काफी उत्साह व उमंग का मेला सा ²श्यमान होता है।