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गंगा में प्रतिमा विसर्जन को ले पुलिस के साथ झड़प, पथराव

गंगा में प्रतिमा विसर्जन को लेकर पंडाल संचालकों एवं पुलिस के बीच जमकर झड़प हो गई है। रामरेखाघाट पर हुई घटना में प्रतिमा विसर्जन करने जा रहे लोगों को पुलिस ने जब रोक लगाई तो दोनों पक्षों के बीच झड़प हो गई। इस दौरान रोक लगाए जाने से आक्रोशित युवकों ने अचानक पथराव शुरू कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 Oct 2019 07:08 PM (IST)Updated: Thu, 10 Oct 2019 06:29 AM (IST)
गंगा में प्रतिमा विसर्जन को ले पुलिस के साथ झड़प, पथराव
गंगा में प्रतिमा विसर्जन को ले पुलिस के साथ झड़प, पथराव

बक्सर । गंगा में प्रतिमा विसर्जन को लेकर पंडाल संचालकों एवं पुलिस के बीच जमकर झड़प हो गई है। रामरेखाघाट पर हुई घटना में प्रतिमा विसर्जन करने जा रहे लोगों को पुलिस ने जब रोक लगाई तो दोनों पक्षों के बीच झड़प हो गई। इस दौरान रोक लगाए जाने से आक्रोशित युवकों ने अचानक पथराव शुरू कर दिया। घटना की सूचना मिलने पर वहां जिलाधिकारी राघवेन्द्र सिंह और पुलिस अधीक्षक उपेन्द्र नाथ वर्मा पहुंच गए। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक ने बताया कि रोक लगाने को लेकर किसी ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। जिसमें कम संख्या में बल होने के कारण एक हवलदार जख्मी हो गया है। इस बीच पुलिस अपने बचाव में ही लगी थी कि तबतक युवकों ने जबरन गंगा में प्रतिमा का विसर्जन कर दिया। फिलहाल, मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल को भेज दिया गया है। एसपी ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है। जाहिर हो, दस दिनों तक विजयादशमी का पर्व पूरा होने के बाद प्रतिमा विसर्जन को ले पंडाल संचालकों का विरोध शुरू हो गया है। गंगा में प्रतिमा विसर्जन पर रोक के बाद जिला प्रशासन द्वारा की गई वैकल्पिक व्यवस्था पर विरोध जताते शहर के तमाम पंडाल संचालकों ने बुधवार की सुबह सदर एसडीओ केके उपाध्याय के आवास पर पहुंच उन्हें घेर लिया। पंडाल संचालकों का कहना था कि प्रतिमा विसर्जन के लिए जिस सिगरहिया पोखरे का चयन किया गया है उसमें शहर के कई इलाकों के गंदा नाला का पानी दिन रात गिरता है। इस दलील के साथ तमाम पंडाल संचालकों ने गंगा में ही प्रतिमा विसर्जित करने की अनुमति मांगी। बावजूद इसके प्रशासन ने भी अपनी विवशता का हवाला देते हुए लोगों से सहयोग की अपील की। आदेश के उल्लंघन पर मजबूर होकर कानूनी कार्रवाई किए जाने की चेतावनी भी दी। घंटों चली लम्बी बहसबाजी के बाद कुछ पंडाल संचालकों ने एनएच 84 पर भैंसहा नदी में विसर्जन के सुझाव को मान लिया। हालांकि, फिर भी शहर के कई पंडाल संचालक गंगा में ही विसर्जन की जिद पर अड़े हुए थे। जिन्हें प्रशासन के साथ ही पुलिस अधिकारी समझाने में लगे थे। इस बीच पूर्व में दिए गए सुझाव सिगरहिया पोखर में शहर की कुछ प्रतिमा विसर्जित की गई। जबकि, अनेक प्रतिमा अभी तक पूर्ववत पंडाल में ही पड़ी हुई है। इस संबंध में सदर एसडीओ केके उपाध्याय ने बताया कि सिर्फ एक या दो लोग हैं, जो बेवजह जिद पर अड़े हुए हैं। इधर, शाम को हुई बैठक में प्रशासन की ओर से समितियों को सुविधा अनुरूप किसी भी पोखर में विसर्जन की अनुमति दे दी गई थी। तभी मल्लाहटोली की प्रतिमा के साथ काफी संख्या में युवक रामरेखाघाट पहुंच गए। जिन्हें आगे बढ़ने से पुलिस ने जैसे ही रोक लगाई कि युवकों में से किसी ने अचानक पथराव शुरू कर दिया। जिसमें एक हवलदार जख्मी हो गया। खबर लिखे जाने तक रामरेखाघाट पर अफरातफरी मची हुई है।

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