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पहले छात्रवृत्ति, फिर जमीन और अब अतिथि शिक्षक घोटाला

शिक्षा विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान कार्यालय का नाता फर्जीवाड़ा और घोटालों से ऐसा जुड़ गया है कि वह टूटने का नाम नहीं ले रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Jul 2018 06:02 PM (IST)Updated: Wed, 18 Jul 2018 06:02 PM (IST)
पहले छात्रवृत्ति, फिर जमीन और अब अतिथि शिक्षक घोटाला
पहले छात्रवृत्ति, फिर जमीन और अब अतिथि शिक्षक घोटाला

बक्सर । शिक्षा विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान कार्यालय का नाता फर्जीवाड़ा और घोटालों से ऐसा जुड़ गया है कि वह टूटने का नाम नहीं ले रहा है। पहले छात्रवृत्ति फिर जमीन और अब अतिथि शिक्षकों की बहाली में हुए फर्जीवाड़े ने राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान को शर्मसार ही किया है। छात्रवृत्ति और जमीन के मामले में तो फाइल पर धूल की परत जम गई है। अब देखना है अतिथि शिक्षकों की बहाली में फर्जीवाड़े का अंत कहां होता है। पिछले दिनों शिक्षा विभाग के इस कार्यालय और जिला कल्याण कार्यालय की मिलीभगत से लाखों रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले को यहां अंजाम दिया गया। फर्जी विद्यालय, फर्जी छात्र और फर्जी बैंक खातों के माध्यम से यहां लाखों रुपये की निकासी कर ली गई। हालांकि, मामले में कुछ कार्रवाइयां भी हुईं, लेकिन उसके बाद पुलिस ने मौन साध लिया और छात्रवृत्ति घोटाले की फाइल पर धूल की परत जम गई। इसी तरह कुछ दिनों पूर्व इसी विभाग के अंतर्गत एमपी हाईस्कूल में जमीन घोटाला किया गया। वहां शहर की पॉस इलाके की जमीन को हाईस्कूल की हेडमास्टर ने बगैर किसी वरीय अधिकारी के निर्देश या उनकी अनुमति के औने-पौने दाम पर आवंटित कर दिया। दैनिक जागरण ने जब मामले का खुलासा किया और जिलाधिकारी ने संज्ञान लिया तो उस पर यथास्थिति बरकरार करते हुए एसडीओ के नेतृत्व में जांच टीम का गठन किया गया। हालांकि, तत्कालीन जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा और एसडीओ गौतम कुमार के जाने के बाद वह फाइल भी धूल फांक रही है। अब अतिथि शिक्षकों के घोटाले को भी इसी कार्यालय से अंजाम दिया गया है। अतिथि शिक्षक को भले ही आमंत्रित शिक्षक कहा जा रहा है लेकिन इनकी बहाली में भी कार्यालय से जुड़े लोगों ने बहती गंगा में खूब हाथ धोया है। फेक विश्वविद्यालयों के सर्टिफिकेट पर बहाली कर दी गई तो मेधा अंक में भी फर्जीवाड़े का खेल खेला गया। और तो और बताया जाता है कि अधिकारियों ने भी बैक डेट में अपने चहेते लोगों की काउंसि¨लग कराई। हालांकि, इस मामले में भी जिलाधिकारी ने न केवल सख्त रवैया अपनाया है बल्कि, प्रशासनिक जांच टीम का गठन कर एक सप्ताह के अंदर इसकी जांच कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। अब देखना है इस घोटाले का अंजाम क्या होता है।

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