बिहार में राजद विधायक शंभूनाथ यादव की बढ़ीं मुश्किलें, नहीं मिली अग्रिम जमानत; हो सकते हैं गिरफ्तार
राजद विधायक शंभूनाथ यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वे गेहूं की कालाबाजारी के मामले में फंस गए हैं। अग्रिम जमानत नहीं मिलने से उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है।
बक्सर, जेएनएन। बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के विधायक शंभूनाथ यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वे गेहूं की कालाबाजारी के मामले में फंस गए हैं। वर्तमान में वे ब्रह्मपुर से विधायक हैं। छह साल पहले भारतीय खाद्य निगम के 500 बोरी गेहूं की कालाबाजारी के मामले में कोर्ट ने राजद विधायक की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। इससे अब उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है। बता दें कि इस मामले में तीन जनवरी को विधायक की ओर से अग्रिम जमानत याचिका दायर की गई थी।
इस संबंध में लोक अभियोजक नंद गोपाल प्रसाद व अरविंद कुमार चौबे ने संयुक्त रूप से बताया कि 17 नवंबर 2013 को सिमरी थाना में कांड संख्या 227/13 के तहत तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी राजेंद्र कुमार ने पांच को आरोपित बनाते हुए नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उस समय शंभूनाथ विधायक नहीं थे और पांच आरोपितों में उनका नाम भी नहीं था। अनुसंधान के क्रम में उनका नाम आया। इसी बीच वे विधायक भी बन गए।
लोक अभियोजक ने यह भी बताया कि बक्सर एफसीआइ से 16 नवंबर 2013 को लगभग सात ट्रक गेहूं आरा जिले के पीरो एफसीआइ के लिए चला था। उसमें एक ट्रक रास्ते से ही गायब हो गया था। वह ट्रक सिमरी थानाक्षेत्र के रामदास राय के डेरा ओपी अंतर्गत खरहटाड़ पंचायत में एक फ्लॉवर मिल के पास से जब्त किया गया। उसमें ट्रक चालक सनोज यादव, खलासी रामसूरत चौधरी, सहायक गोदाम प्रबन्धक, पीरो अरविंद सिंह आदि को नामजद किया गया।
बाद में अनुसंधान के दौरान पुलिस को इसमें विधायक शंभूनाथ यादव के खिलाफ सुबूत मिले और उन्हें भी आरोपित बनाया गया। इसके बाद विधायक ने कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दी, लेकिन जज ने घटना की गंभीरता के आधार पर अर्जी को खारिज कर दिया।
दूसरी ओर, विधायक शंभूनाथ यादव का कहना है कि राजनीतिक कारणों से उन्हें छह साल पुराने मामले में फंसाया जा रहा है। अनुसंधान के दौरान विद्वेष में उनका नाम जोड़ा गया है। विधायक ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है और वे न्याय के लिए ऊपरी अदालत में जाएंगे।