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राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय हटाने से इलाज ठप

रघुनाथपुर के पीएचसी में शिफ्ट कर दिया गया। अपने स्थापना काल से अब तक इस औषधालय में दियारा क्षेत्र के एक दर्जन गांव के लोग यहां इलाज के लिए आते थे। लेकिन सरकार के तुगलकी फरमान से यहां के लोगों की सेहत की सुविधा भी अब छीन ली गई। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को अब आसान नहीं रहा। बैरिया पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि रविशंकर चौबे तथा भाजपा नेता बबलू ने बताया कि इस औषधालय से इलाके के लोगों को काफी सुविधा होती थी। इसे हटा देने

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 05:33 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 05:33 PM (IST)
राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय हटाने से इलाज ठप
राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय हटाने से इलाज ठप

बक्सर : लगभग 29 वर्षों से ब्रह्मपुर चौरस्ता पर चल रहा राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय को यहां से हटाकर पांच किलोमीटर दूर रघुनाथपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शिफ्ट कर दिया गया। सुशासन सरकार की इस मनमाने निर्णय से यहां की जनता में आक्रोश व्याप्त है। प्रखंड मुख्यालय ब्रह्मपुर की लगभग 17 हजार आबादी के इलाज के लिए अब एक भी सरकारी अस्पताल नहीं है। यह स्थिति तब हुई, जब यहां के सांसद केंद्र सरकार में स्वास्थ्य राज्य मंत्री हैं। हालत यह हैं कि अब यहां के लोगों को इलाज कराने के लिए पांच किमी दूर रघुनाथपुर जाना पड़ेगा। वहां पहले से ही पीएचसी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मौजूद है। जानकार बताते हैं कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 1991 में ब्रह्मपुर चौरास्ता पर राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय की स्थापना की गई थी। ताकि, यहां के लोग आयुर्वेदिक पद्धति से अपना इलाज करा सकें।

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यह किराए के दो कमरों में वर्षो से चलता था। सरकार द्वारा हर साल आयुर्वेदिक दवाइयां आवंटित भी की जाती थी। यहां स्थानीय लोगों के अलावा बड़ी संख्या में दियारा क्षेत्र के लोग इस अस्पताल में इलाज कराने आते थे और दवा भी निश्शुल्क मिलती थी। फिलहाल एक डॉक्टर तथा एक काम कपाउंडर तैनात हैं। डॉक्टर कमला प्रसाद के अनुसार सरकारी आदेश के बाद इस औषधालय को रघुनाथपुर के पीएचसी में शिफ्ट कर दिया गया। अपने स्थापना काल से अब तक इस औषधालय में दियारा क्षेत्र के एक दर्जन गांव के लोग यहां इलाज के लिए आते थे। बैरिया पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि रविशंकर चौबे तथा भाजपा नेता बबलू ने बताया कि इस औषधालय से इलाके के लोगों को काफी सुविधा होती थी। इसे हटा देने के बाद सरकारी स्तर पर इलाज की अब यहां कोई व्यवस्था नहीं रह गई है। जनता की सुविधाओं को देखते हुए इन लोगों ने आयुर्वेदिक औषधालय को चौरस्ता पर ही फिर से शुरू करने की मांग सरकार से की है।


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