धर्म व मानवता असली साधू की पहचान
बक्सर। गेरुआ कपडे पहनना साधू की पहचान नहीं है। जो धर्म व मानवता का पालन करता हो। वहीं, अस
By Edited By: Published: Tue, 20 Oct 2015 05:13 PM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2015 05:13 PM (IST)
बक्सर। गेरुआ कपडे पहनना साधू की पहचान नहीं है। जो धर्म व मानवता का पालन करता हो। वहीं, असली साधू है। उक्त बातें मैहर धाम के राष्ट्रीय साध्वी सुश्री अन्नपूर्णा जी द्वारा चौसा बारा मोड़ पर चल रहे नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा के सातवें दिन सोमवार को श्रद्धालू भक्तों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जिसके दिल में प्रेम नहीं उसका जीवन श्मशान की तरह है। वहीं, बताया की ईमानदारी, जिम्मेवारी व बहादुरी से समाज को सुसंस्कृत करना आधार स्तम्भ है। मौके पर भारी श्रद्धालु भक्तों के अलावा आयोजनकर्ता अमर नवयुवक कमिटी के सदस्य मौजूद रहे।
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