राजपुर गढ़ हुआ धरोहर घोषित, बनेगा पर्यटन स्थल
जिला मुख्यालय से तीस किलोमीटर दूर राजपुर प्रखंड में राजपुर गढ़ का रहस्य जल्द सामने आ रहा है।
बक्सर। जिला मुख्यालय से तीस किलोमीटर दूर राजपुर प्रखंड में राजपुर गढ़ का रहस्य जल्द सामने आएगा। किले को पुरातत्व विभाग ने धरोहर घोषित किया है। वहीं, पर्यटन विभाग ने किले के आसपास के क्षेत्र को विकसित कर उसे पर्यटन स्थल का रूप देने के लिए स्थानीय प्रशासन से प्रस्ताव मांगा है। पिछले साल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक कार्यक्रम के दौरान किला देखने आए थे और यहां से काफी प्रभावित हुए थे। उन्होंने तब किले का इतिहास उजागर करने और इसे पर्यटन स्थल का रूप देने की घोषणा की थी।
इस किले के बारे में कई बाते कही जाती है। कोई इसे राजा भोज के काल का बताता है तो कोई मध्यकालीन राजाओं में किसी एक के द्वारा इसे निर्मित बताता है। परंतु, इसके बारे में आज तक कोई ठोस साक्ष्य जुटाने की पहल नहीं की गई। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस किले पर पहले कोई राजा रहते थे। जिसका नाम कोई नहीं जानता है। बाद में अंग्रेजों का शासन हुआ तो उनके कब्जे में रहा। यहां अंग्रेज क्रांतिकारियों को कैद में रखते थे और सजा देते थे। आज भी यहां के लोग इसे सजा घर भी कहते हैं।
कैसी है किले की बनावट
किला समतल जमीन से लगभग 10 फीट ऊपर है। जिसके चारों तरफ कुछ हरे भरे पेड़ हैं। इसके नीचे की नींव लगभग 7 फीट मोटी दीवार है, जो लाहौरी ईंट से बनी हुई है। यह ईंट तीन इंच लंबी, चार इंच चौड़ी और एक इंच मोटी है। इसकी जोड़ाई सुरखी और चूने से की गई है। किले में प्रवेश करने के लिए दो प्रवेश द्वार हैं। जिसकी सीढि़यां पत्थरों से बनी है। वहीं, मुख्य दरवाजे पर चौखट पत्थर का बना हुआ है। किले का ऊपरी भाग बिल्कुल ध्वस्त हो गया है। इस किले की ऊंचाई लगभग 150 फीट है। किले के निचले हिस्से में लगभग 19 फीट लंबा और 15 फीट चौड़ा एक-एक कर चार कमरे हैं। सभी कमरे एक-दूसरे से संपर्क में हैं। सभी कमरों के बीच एक-एक दरवाजा है। इसकी दीवारों के चारों तरफ तहखाना है। कहा जाता है कि इसी कमरे में अंग्रेज क्रांतिकारियों को सजा देते थे। इसी परिसर में उत्तर-पूर्व के कोन पर एक कुआं भी था। जो आज पूरी तरह मिट्टी से भरकर समाप्त हो गया है। किला लगभग एक एकड़ क्षेत्र में फैला है।
कहते हैं ग्रामीण
किला को पर्यटन स्थल बनाए जाने पर खुशी का इजहार करते हुए मुखिया शशिकला देवी ने कहा कि पिछली बार मुख्यमंत्री के आगमन पर इस किले का अवलोकन कराया गया था। तब से लोगों को उम्मीद थी कि इसके लिए सरकार पहल करेगी। अगर पर्यटन स्थल बनता है तो यहां के बेरोजगार लोगों को रोजगार भी मिलेगा। साथ ही, इस गांव की पहचान भी बढ़ेगी।
कहते हैं अधिकारी
राजपुर अंचलाधिकारी अवधेश प्रसाद ने बताया कि विगत 12 मार्च को राज्य के कला संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा पत्र प्राप्त हुआ है। पत्र में निर्देश दिया गया है कि इसे पुरातात्विक स्थल के साथ पर्यटक स्थल बनाया जाएगा। जिसके लिए आम लोगों से आपत्ति की मांग की गई है। इसके लिए गांव में जगह-जगह इश्तेहार चिपकाया गया है।