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17 लाख की छिनैती में पुलिस को नहीं मिला कोई सुराग

पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद जिले में लूट और छिनैती की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इस कड़़ी में विगत 2

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Oct 2019 05:24 PM (IST)Updated: Sun, 13 Oct 2019 05:24 PM (IST)
17 लाख की छिनैती में पुलिस को नहीं मिला कोई सुराग
17 लाख की छिनैती में पुलिस को नहीं मिला कोई सुराग

बक्सर। पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद जिले में लूट और छिनैती की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इस कड़़ी में विगत 28 मई की दोपहर राजपुर थाना क्षेत्र के जैतपुरवा शिव मंदिर के समीप एक रिटायर्ड फौजी से पौने 17 लाख रुपये छीन लिए गए थे। बाइक सवार अपराधी इस घटना को अंजाम देने के पश्चात भागने में सफल रहे। घटना को बीते पांच माह होने को हैं। बावजूद इसके जिले हुई छिनैती की सबसे बड़ी घटना में पुलिस अब तक कोई सुराग ढूंढने में सफल नहीं हो सकी है।

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कैसे हुई छिनैती

दिन दहाड़े की गई इस छिनैती की घटना को अपराधियों ने तब अंजाम दिया जब सिकरौल थाना क्षेत्र के धबछुआ गांव के रहने वाले सेवानिवृत्त सैनिक संजय सिंह कोचस स्थित स्टेट बैंक की शाखा से 16 लाख 75 ह•ार रुपयों की निकासी कर बक्सर स्थित अपने मकान पर लौट रहे थे। घटना के समय वो बाइक से सपत्नीक बक्सर की तरफ आ रहे थे। इसी बीच दिन में तकरीबन 3 बजे राजपुर थाना क्षेत्र के जैतपुरवा के शिव मंदिर के समीप पानी पीने के लिए रुके। इसी बीच एक मोटरसाइकिल पर सवार दो की संख्या में अपराधियों ने उनके हाथों से रुपयों से भरा बैग झपट लिया और भाग निकले। घटना के बाद वह अवाक होकर देखते रह गए जबकि अपराधी रुपयों से भरा बैग लिए उनकी आंखों के सामने ही चौसा की तरफ भागने में सफल रहे। जमीन खरीदने के लिए निकाला था पैसा

इस संबंध में पीड़ित ने बताया कि वह इसी वर्ष 31 मार्च को सेना से सेवानिवृत्त हुए थे। बक्सर में के. के. मंडल महिला महाविद्यालय के समीप अपना मकान बनाकर रहते हैं। इसी बीच उन्होंने बक्सर में एक दूसरी जमीन खरीदने की नीयत से कोचस स्थित स्टेट बैंक की शाखा से यह पैसे निकाले थे। जिसके बाद वह बाइक पर सवार होकर अपनी पत्नी के साथ बक्सर की तरफ आ रहे थे। इसी बीच यह घटना सामने आई। मामले को लेकर उन्होंने राजपुर थाना में घटना की प्राथमिकी दर्ज कराई है। सीमा विवाद को लेकर उलझा रहा मामला

छिनैती की इस घटना के बाद पीड़ित आवेदन लेकर सर्वप्रथम मुफ्फसिल थाना पहुंचा जहां से उसे बताया गया कि घटना राजपुर थाना क्षेत्र में हुई है। बाद में पीड़ित जब राजपुर थाना पहुंचा तो वहां से उसे पुन: मुफ्फसिल थाना भेज दिया गया। मामले में मुफ्फसिल थानाध्यक्ष विजय कुमार ने बताया कि पीड़ित के साथ हुई घटना राजपुर थाना क्षेत्र में हुई है ऐसे में प्राथमिकी भी वहीं दर्ज कराई जाएगी। हालांकि, बाद में राजपुर में ही इसकी प्राथमिकी दर्ज कराई गई। पहचान के लिए तकनीक का हुआ इस्तेमाल

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस एक्शन में आ गई। कांड के जल्द उद्भेदन के लिए पुलिस अधीक्षक खुद इसकी मॉनिटरिग कर रहे थे। इस बीच पुलिस को जब कोई सुराग नहीं मिला तो घटना के जल्द उद्भेदन के लिए बक्सर पुलिस ने रोहतास पुलिस की मदद ली। दरअसल पुलिस की यह सोच थी कि अपराधी हर हाल में कोचस बैंक से ही पीछे लगे होंगे। लिहाजा कोचस स्थित एसबीआई में लगे सीसीटीवी को खंगाला गया। पर, पीड़ित फौजी सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद भी अपराधियों की पहचान करने में असफल रहे। जिसके बाद पुलिस की एकमात्र उम्मीद भी समाप्त हो गई। कोचस से चौसा तक कैमरों को खंगाला गया

कोचस बैंक के सीसीटीवी फुटेज से कोई मदद मिलते नहीं देख पुलिस ने यह तय किया कि कोचस से चौसा के बीच सड़क को दर्शाते जितने भी कैमरे लगे होंगे, सभी को खंगाला जाएगा। इस संबंध में सदर डीएसपी सतीश कुमार ने बताया कि बावजूद इतनी मेहनत के पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली है। सुराग मिलने के सारे दावे निकले खोखले

इस संबंध में जब भी पुलिस से पूछताछ की गई, हर बार अपराधियों की जल्द ही गिरफ्तारी कर लिए जाने का दावा किया जाता रहा। सदर डीएसपी की माने तो अपराधियों की पहचान कर ली गई है। बावजूद इसके घटना के बीते पांच माह होने को हैं। अब तक पुलिस जिले की इस सबसे बड़ी छिनैती का उद्भेदन करने में नाकाम साबित हुई है।


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