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शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़ा सामने आते ही हड़कंप, बक्‍सर में जांच के लिए बुलाने पर नहीं आए अभ्‍यर्थी

Bihar Teacher Recruitment शिक्षकों का फर्जी नियोजन इन दिनों बक्‍सर जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। इससे शिक्षक अभ्यर्थियों में हड़कंप भी मचा हुआ है। फर्जीवाड़े की जांच के लिए बुधवार को दूसरे दिन भी एमपी हाईस्कूल में शिविर का आयोजन किया गया।

By Edited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 10:29 PM (IST)Updated: Fri, 17 Sep 2021 11:02 AM (IST)
शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़ा सामने आते ही हड़कंप, बक्‍सर में जांच के लिए बुलाने पर नहीं आए अभ्‍यर्थी
बक्‍सर में शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों का दोबारा हो रहा सत्‍यापन। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

बक्सर, जागरण संवाददाता। Bihar Teacher Recruitment: शिक्षकों का फर्जी नियोजन इन दिनों बक्‍सर जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। इससे शिक्षक अभ्यर्थियों में हड़कंप भी मचा हुआ है। फर्जीवाड़े की जांच के लिए बुधवार को दूसरे दिन भी एमपी हाईस्कूल में शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान अभ्यर्थियों के कागजातों की जांच की गई। हालांकि, इस दिन कोई फर्जी शिक्षक अभ्यर्थी सामने नहीं आया। जिला शिक्षा पदाधिकारी अमर भूषण ने बताया इन दिन कुल 46 शिक्षक अभ्यर्थियों को जांच के लिए बुलाया गया था, जिसमें 15 उपस्थित हुए। डीईओ ने बताया कि इस दिन इटाढ़ी से सात, चौसा से तीन, नावानगर से 31 और चक्की से 4 शिक्षक अभ्यर्थियों को जांच के लिए बुलाया गया था।

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जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि इन सभी की डिजी लॉकर से सर्टिफिकेटों का मिलान किया गया। इसके अंतर्गत इटाढ़ी के छह लोगों के सर्टिफिकेट सही पाए गए जबकि, एक अभ्यर्थी का सर्टिफिकेट डिजी लॉकर में नहीं खुल पाया। उसकी जांच बाद में की जाएगी। डीईओ ने बताया कि चौसा की दो महिला अभ्यर्थी सबा नाज और शगुफ्ता परवीन ने बताया कि उन लोगों ने कई नियोजन इकाइयों में आवेदन दिया था, परंतु वे काउंसिलिंग में केवल चौसा में ही शामिल हुई थीं। वहीं पर उन लोगों ने अपने असली सर्टिफिकेट भी जमा किए हैं। ऐसे में नावानगर की काउंसिलिंग में उनके नाम पर कौन पहुंच गया, यह सोचने वाली बात है।

डीईओ ने बताया कि इन दोनों अभ्यर्थियों ने नावानगर की चयन सूची में शामिल अभ्यर्थियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। बहरहाल, जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि इस दिन जो भी अभ्यर्थी अपने सर्टिफिकेट की जांच कराने आए उनका सर्टिफिकेट सही पाया गया। हालांकि, अभी भी बिहार बोर्ड द्वारा उनके सर्टिफिकेटों की जांच कराई जाएगी।

जांच में उपस्थित नहीं होने वालों पर दर्ज होगी प्राथमिकी

दो दिनों में विभाग ने कुल 98 शिक्षक अभ्यर्थियों को जांच के लिए बुलाया। इस दौरान पहले दिन 52 में 9 और दूसरे दिन 46 में 15 शिक्षक अभ्यर्थी उपस्थित हुए। शेष 74 अभ्यर्थी जांच के लिए बुलाए गए शिविर में उपस्थित नहीं हुए। इस संबंध में पूछे जाने पर कि इनका क्या होगा जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि इन सभी पर भी प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। डीईओ ने बताया कि जांच में उपस्थित न होकर इन लोगों ने खुद इनके फर्जी होने का प्रमाण पत्र दे दिया।

जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा दो दिनों से शिक्षक अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेटों की जांच एमपी हाईस्कूल में की जा रही है। इसके तहत पहले दिन 9 अभ्यर्थियों की जांच हुई। विभागीय सूत्रों की मानें इन 9 लोगों की जांच के दौरान चौंगाई के जिन दो अभ्यर्थियों को क्लीन चिट दी गई, उनके सर्टिफिकेट भी संदिग्ध हैं। जो भी हो यह जांच का विषय है। बहरहाल, इस बाबत पूछे जाने पर डीईओ भी स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए।


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