शराबियों के जीने का सहारा बना पीपा पुल
लोकसभा चुनाव को लेकर प्रशासनिक स्तर पर हर हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। खासकर यूपी से लगी इलाकाई सीमा में पुलिस चौकसी तेज है। बावजूद बेयासी गांव के समीप गंगा में बनी पीपा पुल शराबियों के लिए वरदान साबित हो रही है।
बक्सर । लोकसभा चुनाव को लेकर प्रशासनिक स्तर पर हर हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। खासकर यूपी से लगी इलाकाई सीमा में पुलिस चौकसी तेज है। बावजूद, बेयासी गांव के समीप गंगा में बनी पीपा पुल शराबियों के लिए वरदान साबित हो रही है। मात्र बीस-पच्चीस मिनट में बलिया जाकर गला तर करना एवं खुमारी मिटने के बाद गंगा स्नान कर घर वापस लौटना उनकी दिनचर्या में शामिल हो गया है। पुलिस भी इस मामले में अपने को असहाय महसूस कर रही है। चूंकि गंगा पार यूपी की सीमा में इनकी गिरफ्तारी संभव नहीं है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो सैकड़ों की संख्या में शराब सेवन के आदी हो चुके लोगों के लिए यह पुल बलिया आने-जाने का मुख्य सहारा बना हुआ है। प्रतिदिन सुबह में मोटर साइकिल, साइकिल या फिर पैदल बलिया जाते हैं, और नशे की खुमारी समाप्त होने के बाद घर लौटते हैं। यहां तक कि कुछ लोग तो बलिया के सीमावर्ती तट पर गंगा की लहरों के बीच एक-दूसरे के साथ लालपरी का आनंद लेते नजर आते हैं। यह सिलसिला देर रात तक जारी रहता है। ऐसा नहीं कि ऐसे लोगों की धर-पकड़ के लिए रामदास राय के डेरा राय ओपी पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं की जाती हो। मगर दियारा की भौगोलिक स्थिति एवं आवश्यक संसाधनों की कमी से पुलिस का प्रयास असफल साबित हो रहा है। इस मामले में थानाध्यक्ष रंजीत कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन इसको लेकर काफी गंभीर है, और जल्द पीपा पुल के समीप पुलिस की एक टीम तैनात की जाएगी। जो बलिया आने-जाने वाले लोगों की हर गतिविधियों पर पैनी निगाह रखेगी।