कोरानसराय पशु अस्पताल की बदहाली पर प्रदर्शन
सोमवार को अनुमंडल के कोरानसराय में स्थित प्रथमवर्गीय पशु चिकित्?सा केन्?द्र की बदहाली को लेकर आक्रोशित पशुपालकों ने अस्?पताल के समक्ष प्रदर्शन किया।
बक्सर। सोमवार को अनुमंडल के कोरानसराय में स्थित प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सा केन्द्र की बदहाली को लेकर आक्रोशित पशुपालकों ने अस्पताल के समक्ष प्रदर्शन किया। इस दौरान विभाग के ढ़ुलमुल रवैये के खिलाफ नारेबाजी भी की गई। दरअसल, पशु अस्पताल की हालत बदतर हो गई है। यहां पदस्थापित एक चपरासी के भरोसे विशाल पोषक क्षेत्र के पशुपालकों का काम चलता है। यहां दो-ढाई साल पहले भ्रमणशील पशु चिकित्सक का तबादला होने के बाद आज तक पशु चिकित्सक को स्थाई रूप से पदस्थापित नहीं किया गया। चक्की प्रखंड के अरक में पदस्थापित डॉ.सीएम ¨सह को तीन प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सा केन्द्रों अतिरिक्त प्रभार दिया गया, जिसमें कोरानसराय भी शामिल है। चिकित्सक सप्ताह में सिर्फ एक दिन यहां आते हैं, वो भी कार्यालय संबंधित काम आने पर दर्शन भी मुश्किल हो जाता है। नतीजतन, पशुपालकों को काफी परेशानियों का सामना करना लाचारी बनी है। सनद रहे कि कोरानसराय का प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सा केन्द्र की स्थिति कभी जिले में सबसे बेहतर था। उस समय तत्कालीन चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.दिनकर कुमार रातोंदिन इसी अस्पताल में रहकर इलाकाई पशुपालकों के यहां जाकर सेवा करते थे। जब इनका तबादला हुआ तो उस समय इलाके के पचासों गांवों के पशुपालकों ने धरना-प्रदर्शन और हस्ताक्षर अभियान चलाकर वरीय अधिकारियों से तबादला रोकने की मांग की थी। लेकिन, विभाग द्वारा बेहतर तरीके से चल रहे इस पशु अस्पताल से इन्हें हटाकर किसी पशु चिकित्सक स्थाई रूप से पदस्थापित नहीं किया गया। प्रदर्शन के दौरान पशुपालकों में डॉ.रजनीश ¨सह, नारायण ¨सह, कमलेश प्रसाद, अनिल कुमार, सुरेश ¨सह, हरेराम ¨सह, सिद्धनाथ, मुन्ना पासवान, मोहन रजक, अजय ¨सह, धनजी यादव, दया राम एवं विजय शर्मा सहित कई पशुपालकों ने बताया कि यहां आज तक किसी पशु चिकित्सक के नहीं आने से पशुपालकों को झोलाछाप चिकित्सकों के चंगुल में आकर शोषण का शिकार होना पड़ता है। फिलहाल पशुओं में लंगड़ी बीमारी के चलते पशुपालकों की परेशानी बढ़ गई है। पूर्व में सैकड़ों पशुपालकों द्वारा स्थानीय विधायक सह बिहार सरकार के मंत्री संतोष निराला सहित संबंधित अधिकारियों से भी इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट कराया था। लेकिन, आज तक किसी का ध्यान आकृष्ट नहीं हुआ। फिलहाल पशुपालन से किसानों का मोहभंग होने लगा है। बयान : इस संबंध में पशुपालन पदाधिकारी से बातचीत कर यहां किसी पशु चिकित्सक को स्थाई रूप से पदस्थापित किया जाएगा। ताकि, पशुपालको को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।
हरेन्द्र राम, एसडीओ, डुमरांव।