अजीज की कुर्बानी दे मांगी गई अमन-चैन कर दुआ
शहर समेत जिले भर में बुधवार को ईद-उल-अजहा (बकरीद) का पर्व अकीदत के साथ मनाया गया। इस मौके पर अल सुबह मुस्लिम भाइयों ने मस्जिदों में जाकर नमाज अता की। इसके बाद अल्लाह की राह में खुदा के बंदों ने अपने प्रिय जानवरों की कुर्बानियां दी।
बक्सर । शहर समेत जिले भर में बुधवार को ईद-उल-अजहा (बकरीद) का पर्व अकीदत के साथ मनाया गया। इस मौके पर अल सुबह मुस्लिम भाइयों ने मस्जिदों में जाकर नमाज अता की। इसके बाद अल्लाह की राह में खुदा के बंदों ने अपने प्रिय जानवरों की कुर्बानियां दी।
इस अवसर पर शहर के मेन रोड स्थित जामा मस्जिद, जुलफजल मस्जिद, कचहरी मस्जिद व स्टेशन रोड मस्जिद सहित सभी मस्जिदों में अलग-अलग वक्त में इबादत की गई। नमाज के बाद ओलमायें केराम के जरिए मजहबियों ने अपने-अपने घरों में पारंपरिक तरीके से सबसे पाक जगह पर जानवरों की कुर्बानियां पेश की। फिर, गोश्त को अलग-अलग तीन हिस्सों में बांटकर एक भाग को खुद के लिए, दूसरे को दोस्त व रिश्तेदारों तथा तीसरे भाग को मजलूमों के बीच वितरण किया गया। त्योहार के बारे में कचहरी मस्जिद के इमाम मुफ्ती मोहम्मद असगर रजा मिस्वाही ने बताया कि हजरत इब्राहिम ने अपनी सबसे प्यारे लड़के इस्माइल जबील उल्लाह की कुर्बानी खुदा की रजा से आज ही के दिन पेश की थी। जिससे खुदा उनपर इतना खुश हुए कि लड़के के स्थान पर बकरा को भेज दिया। जिनकी याद में उम्मते मुसलमां (अनुयायी) इस दिन कुर्बानी पेश कर अल्लाह को याद करते हैं। इस अवसर पर त्योहार को लेकर मुस्लिम भाई एक दूसरे के घर गए तथा आपस में गले मिल इंसानियत व वसूल की रक्षा के लिए अपने सबसे प्यारी वस्तु को कुर्बान करने का संकल्प व्यक्त किए। पर्व के मौके पर दिनभर दावतों का दौर भी चलता रहा और अन्य धर्मों के लोग भी इस मौके पर अकीदतमंदों को पर्व की बधाई देते दिखे।
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