Move to Jagran APP

पानी की कमी से धान की बोवाई पर असर, आगे निकला मक्का

बक्सर स्थानीय प्रखंड में धान और भदई फसलों की बुवाई का काम काफी तेजी से शुरू हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 05:38 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 05:38 PM (IST)
पानी की कमी से धान की बोवाई पर असर, आगे निकला मक्का
पानी की कमी से धान की बोवाई पर असर, आगे निकला मक्का

बक्सर : स्थानीय प्रखंड में धान और भदई फसलों की बुवाई का काम काफी तेजी से शुरू हो गया है। समय पर पर्याप्त वर्षा नहीं होने के कारण खरीफ फसलों की बुवाई कुछ कम हुई है। इसके बाद भी सर्वाधिक किसान धान की रोपनी बोरिग के सहारे की है। दूसरी ओर दियारा क्षेत्र में भदई फसल के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। इस इलाके में मक्का, अरहर, बाजरा, उड़द, मूंग आदि फसलों की बुवाई का काम भी काफी देरी से हुआ है।

loksabha election banner

ब्रह्मपुर प्रखंड में धान रोपनी का लक्ष्य 9000 हेक्टेयर कृषि विभाग द्वारा तय किया गया है। इस बार आद्रा नक्षत्र में बारिश नहीं होने के कारण धान की खेती पिछड़ गई है। संपन्न किसान बोरिग के सहारे धान की रोपनी तो कर रहे हैं, लेकिन बहुत से किसन अब भी आसमान की ओर टकटकी लगाए हुए हैं। प्रखंड का दक्षिणी क्षेत्र धान उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन उस इलाके में नहर होने के बाद भी उसमें पानी नहीं आता है और किसान अपने निजी साधनों के सहारे खेती करते हैं। कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रखंड क्षेत्र में अभी तक 3207 हेक्टेयर में 35.6 प्रतिशत ही धान की रोपनी हुई है। इस सप्ताह रुक-रुक कर हुई वर्षा के कारण रोपनी का कार्य तेजी से शुरू हुआ है। मक्का की 43 प्रतिशत हुई बोवाई

आद्रा नक्षत्र में इस बार बारिश नहीं होने का सीधा असर दियारा क्षेत्र के खेती पर पड़ा है। बाद में भारी मात्रा में हुई बारिश के कारण खेतों में पानी अधिक हो गया। जिस कारण किसान अपने खेतों की प्लाऊ का काम नहीं हो सका। प्रखंड कृषि पदाधिकारी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि इस साल दियारा में 1850 हेक्टेयर में मक्का उत्पादन के लक्ष्य के विपरीत अभी तक 802 हेक्टेयर में ही बोवाई हुई है। जिसका प्रतिशत 43.4 है। अरहर की खेती के लिए 700 हेक्टेयर का लक्ष्य तय किया गया है, लेकिन मात्र 256 हेक्टेयर में 36.6 प्रतिशत बुवाई हुई है। वही उड़द की खेती 100 हेक्टेयर के बदले मात्र 23.5 और मूंग की खेती 75 हेक्टेयर के बदले मात्र 12 हेक्टेयर में ही बुआई हुई है। किसान रमेश तिवारी और सरोज तिवारी बताते हैं कि इस बार मौसम के असर से दियारा क्षेत्र में दलहन की खेती काफी पिछड़ गई है और लक्ष्य के अनुसार भदई फसलों की बुवाई नहीं हो पाएगी। इसके बदले में किसान बाजरा की खेती कर भरपाई करेंगे।

------------------

धान और भदई खेती के लिए इस बार पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है और आवश्यकता के अनुसार किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है । निर्धारित कीमत से खाद का अधिक पैसा लेने वाले दुकानदारों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

वीरेंद्र सिंह, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, ब्रह्मपुर।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.