87 हजार के लक्ष्य पर 8500 एमटी धान की हुई खरीद
जिले में इस साल मानसून के दगा देने तथा वर्षा की कमी के कारण धान का उत्पादन बेहद प्रभावित हुआ है तो दूसरी तरफ धान में नमी होने का हवाला देते हुए अधिकारियों ने दो माह बाद धान की खरीदारी शुरू की।
बक्सर । जिले में इस साल मानसून के दगा देने तथा वर्षा की कमी के कारण धान का उत्पादन बेहद प्रभावित हुआ है तो दूसरी तरफ धान में नमी होने का हवाला देते हुए अधिकारियों ने दो माह बाद धान की खरीदारी शुरू की। बावजूद, इन सबके दिए गए लक्ष्य के विरुद्ध अब तक महज 8500 एमटी धान की ही खरीद की जा सकी है। जिले में समय से वर्षा के नहीं होने के साथ ही ¨सचाई के अन्य संसाधनों के भी धोखा देने से इस बार धान का उत्पादन बेहद प्रभावित हुआ है। जिस समय धान के बिचड़े डाले जा रहे थे तब किसानों को वैकल्पिक साधनों की भरपूर मदद लेनी पड़ी। जिससे जिले के छोटे किसान समय से बिचड़े तक नहीं डाल सके। वहीं, दूसरी ओर जब बिचड़े तैयार हुए तब रोपनी का काम पानी के अभाव में किसान इंतजार करते रह गए। नतीजा फसल का उत्पादन बेहद प्रभावित हुआ। इस दौरान धान की फसल को जब पानी की नितांत आवश्यकता थी। तब मानसून के साथ ¨सचाई के तमाम संसाधनों के धोखा देने से इसका सीधा असर फसल के उत्पादन पर पड़ा। जिससे जिले में भयंकर सुखाड़ पड़ गया। जबकि, सूचना के बावजूद दो माह देर से धान खरीद शुरू किए जाने के कारण अब तक महज 877 किसानों से 8500 एमटी धान की खरीद की जा सकी है। हालांकि अधिकारी अभी भी गत वर्ष की अपेक्षा आज की तारीख में अधिक खरीदारी किए जाने का हवाला देते अपनी पीठ थपथपाने में लगे हुए हैं। जबकि जिले के सिमरी और चक्की दो ऐसे प्रखंड है जहां से एक छंटाक धान की भी खरीद नहीं की जा सकी। जबकि 2117.652 एमटी धान खरीद कर राजपुर तथा 2043.300 एमटी धान अधिप्राप्ति कर इटाढ़ी में अब तक सबसे अधिक धान की खरीद की गई है। बिचौलियों के हाथ ठगे जा रहे किसान
सरकार द्वारा इस बार धान खरीद के लिए धान की कीमत बढ़ाकर 1750 रुपये प्रति ¨क्वटल कर दिया गया था। जिसे सुनकर किसानों को बेहद खुशी हुई थी। पर सारी खुशी उस वक्त काफूर होती नजर आई जब किसानों के धान खलिहान में ही पड़े रह गए। समय से धान खरीद नहीं किए जाने को ले आखिरकार मजबूरी में किसानों को बिचौलियों की शरण में ही जाना पड़ा। जिन्होंने औने-पौने दाम में धान की खरीदकर किसानों को ठगने का काम किया। इसमें किसानों की विवशता थी कि धान की बिक्री से प्राप्त होनेवाली राशि से ही उनके शादी ब्याह से लेकर सारे काम निर्भर करते हैं। कितना दिया गया था लक्ष्य
धान खरीद के लिए इस वर्ष बक्सर जिला को 87000 एमटी धान खरीद का लक्ष्य दिया गया था। तब न तो जिले में सुखाड़ की स्थिति बनी थी और न जिला सूखाग्रस्त घोषित हुआ था। इस बीच किसानों ने वैकल्पिक साधनों का उपयोग करते हुए धान की उपज तो कर ली। पर, देर से खरीद शुरू होने के कारण अब तक महज 8500 एमटी धान की खरीद की जा सकी। हालांकि अधिकारियों की माने तो अभी डेढ़ माह का समय है लक्ष्य को काफी हद तक पूरा कर लिया जाएगा। रफ्तार में कमी की वजह
14 नवम्बर से ही सरकार द्वारा धान खरीद का आदेश जारी किया गया था। पर, तब धान अभी कटने शुरू ही हुए थे। जिससे नमी की मात्रा काफी अधिक थी। नतीजतन धान सूखने के बाद 15 जनवरी से अधिप्राप्ति शुरू की जा सकी। इसके कारण धान अधिप्राप्ति में काफी कमी आई है। तो दूसरी ओर जो धान अब तक हासिल किया गया है उसमें मिलवालों की लापरवाही के कारण एसएफसी को अब तक महज162 एमटी ही चावल दिया जा सका है। किन प्रखंडों से अब तक कितने धान की खरीद की गई प्रखंड धान एमटी में
ब्रम्हपुर - 125.400
बक्सर - 776.100
चक्की - 000000
चौगाई - 280.600
चौसा - 1071.900
डुमरांव - 691.00
इटाढ़ी - 2043.300
केसठ - 36.500
नवानगर- 1357.750
राजपुर - 2117.652
सिमरी - 000000 बयान : अभी 31 मार्च तक धान की खरीदारी का समय बचा हुआ है। उम्मीद है समय रहते लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। अगले सप्ताह से सीएमआर की रफ्तार बढ़ जाएगी।
अखिलेश कुमार, जिला सहकारिता पदाधिकारी, बक्सर।