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शांतिनगर मोहल्ले में मूलभूत सुविधाओं का टोटा

नगर का शांतिनगर मोहल्ला मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। एक तरफ जहां जिले में सात निश्चय योजना तथा लोहिया स्वच्छ मिशन के तहत नाली, गली, नल तथा शौचालय के साथ-साथ लोगों के मानसिक विकास तथा स्वच्छता के प्रति उनकी जागरूकता को बढ़ाने का अभियान चलाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Aug 2018 06:07 PM (IST)Updated: Wed, 01 Aug 2018 06:07 PM (IST)
शांतिनगर मोहल्ले में मूलभूत सुविधाओं का टोटा
शांतिनगर मोहल्ले में मूलभूत सुविधाओं का टोटा

बक्सर । नगर का शांतिनगर मोहल्ला मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। एक तरफ जहां जिले में सात निश्चय योजना तथा लोहिया स्वच्छ मिशन के तहत नाली, गली, नल तथा शौचालय के साथ-साथ लोगों के मानसिक विकास तथा स्वच्छता के प्रति उनकी जागरूकता को बढ़ाने का अभियान चलाया जा रहा है। वहीं, शांति नगर इलाके में मूलभूत सुविधाओं का अभाव चिराग तले अंधेरा वाली कहावत को चरितार्थ करता है।

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जिला समाहरणालय के ठीक बगल में नहर के किनारे बसे इस मोहल्ले में पहुंच पथ बेहद खराब अवस्था है। हर घर में शौचालय की कौन कहें, घरों की नालियां भी दुरुस्त नहीं है। नतीजतन, एक ओर जहां घरों का गंदा पानी रास्ते में बहता है। वहीं, शौचालय निर्माण के प्रति जागरूकता एवं सरकारी प्रयासों का अभाव लोगों को खुले में शौच जाने को विवश करता है। शांति नगर मोहल्ले में विकास की रोशनी अभी आनी बाकी है। अपराधियों की शरणस्थली बना मोहल्ला, मादक पदार्थों का व्यापार स्थानीय सूत्रों की मानें तो जिला मुख्यालय से सटा यह मोहल्ला अपराधियों का गढ़ बन गया है। जिले के विभिन्न इलाकों से अपराध कर अपराधी इसी मोहल्ले में शरण लेते हैं। यहीं नहीं, शराब, गांजा तथा अन्य मादक पदार्थों की भी बिक्री यहां बेरोकटोक चलती है। पहुंच पथ की दशा बेहतर न होने के कारण प्रशासन को भी यहां पहुंचने में खासी मशक्कत करनी पड़ती है। बरसात के दिनों में तो यहां वाहनों को कौन कहे पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। भय के साए में जीती है डेढ़ सौ घरों की आबादी स्थानीय निवासियों के अनुसार यहां चलनेवाले जुए के अड्डे पूरे दिन भर शरारती तत्वों के जमावड़े का एक माध्यम है। स्ट्रीट लाइट की कमी से जहां रात को चलना खतरे से खाली नहीं होता। वहीं, दिन के उजाले में भी शरारती तत्वों का मनोबल इतना ऊंचा रहता है कि राह चलती लड़कियों एवं महिलाओं के साथ बदतमीजी करने से बाज नहीं आते। यहीं नहीं, विरोध करने पर मारपीट तक करने पर उतारू हो जाते हैं। प्रशासन उदासीन, वार्ड पार्षद को भी सुध नहीं मोहल्लेवासियों का कहना है कि समस्याओं को लेकर प्रशासन उदासीन बना हुआ है। अधिकारियों से मिलकर कई बार मोहल्ले की स्थिति सुधारने के लिए मौखिक एवं लिखित शिकायत की गई। बावजूद, इसके उनका ध्यान व्यवस्था को ठीक करने पर नहीं गया। यहीं नहीं, स्थानीय 34 नंबर वार्ड के वार्ड पार्षद को भी कई बार स्थिति से अवगत कराया गया। लेकिन, उनके स्तर से भी कोई पहल नहीं की गई। नगर परिषद एवं नहर विभाग के बीच में उलझे हैं निवासी उप मुख्य पार्षद बबन ¨सह से बात करने पर उन्होंने बताया कि शांति नगर मोहल्ले में सड़क तथा अन्य मूलभूत सुविधाओं के विकास में बाधा आ रही है। दरअसल, शांति नगर का बड़ा इलाका नहर विभाग की जमीन पर बसा हुआ है। ऐसे में विकास के किसी भी कार्य के लिए सर्वप्रथम नहर विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना होता है। बिना उसके कोई भी कार्य शुरू नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों द्वारा लिखित शिकायत मिलने पर नहर विभाग से बातचीत कर विकास के कार्यों को गति प्रदान की जाएगी।


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