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न पानी न प्लेटफॉर्म, दर्जा अंतरराज्यीय बस अड्डा का

जिले का इकलौता बस पड़ाव शहर का जय प्रकाश नारायण बस अड्डा को यूं तो अंतरराज्यीय स्तर का दर्जा प्राप्त है, लेकिन यहां यात्रियों की सुविधा कुछ नहीं है। पड़ाव परिसर में न पानी के इंतजाम हैं और न ही बस पर सवार होने के लिए प्लेटफॉर्म बने हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Feb 2019 04:37 PM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 04:37 PM (IST)
न पानी न प्लेटफॉर्म, दर्जा अंतरराज्यीय बस अड्डा का
न पानी न प्लेटफॉर्म, दर्जा अंतरराज्यीय बस अड्डा का

बक्सर । जिले का इकलौता बस पड़ाव शहर का जय प्रकाश नारायण बस अड्डा को यूं तो अंतरराज्यीय स्तर का दर्जा प्राप्त है, लेकिन यहां यात्रियों की सुविधा कुछ नहीं है। पड़ाव परिसर में न पानी के इंतजाम हैं और न ही बस पर सवार होने के लिए प्लेटफॉर्म बने हैं। जबकि, इस बस पड़ाव से प्रति दिन यूपी और झारखंड समेत राज्य के विभिन्न शहरों के लिए दर्जनों बसें खुलती हैं। इसकी बंदोबस्ती से नगर परिषद को अच्छी कमाई भी होती है, लेकिन यात्रियों को कोई सुविधा नहीं मिल पाती है। पिछले दस वर्ष से ज्यादा से यह बस अड्डा उपेक्षा का दंश झेल रहा है। बताया जाता है कि बाइपास रोड स्थित बस पड़ाव से नगर परिषद प्रतिवर्ष लाखों रुपये के राजस्व की वसूल करती है। इसके बावजूद उसकी स्थिति काफी खराब है। मौजूदा समय में इसमें बसों को खड़ा करने की सुविधा तक नहीं है। यात्रियों को बैठने सहित पेयजल व प्रसाधन की कोई व्यवस्था नहीं है। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी रोहित कुमार कहते हैं, इस योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी नहीं है। इस पर जानकारी लेने के बाद नगर आवास विकास विभाग को पत्र लिखा जाएगा। वहां से अनुमति मिलने के बाद कार्य होगा।

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हाईटेक बस पड़ाव बनाने का था प्रस्ताव जय प्रकाश नारायण बस पड़ाव को हाईटेक बस अड्डा बनाने का प्रस्ताव वर्ष 2014 में बना था। इसके लिए 4 करोड़ का प्रस्ताव नगर आवास विकास विभाग को भेजा गया था। लेकिन, वहां से राशि की अनुशंसा अब तक नहीं हुई। इस वजह से बस अड्डे की हाईटेक निर्माण की योजना फाइलों में धूल फांक रही है। जबकि, बस पड़ाव को सुविधा युक्त बनाने का प्रस्ताव था। इसमें यात्रियों के लिए पेयजल, प्रसाधन की सुविधा सहित बैठने के लिए समुचित रूप से शेड निर्माण का प्रस्ताव भेजा गया था। मौजूदा समय में दयनीय है स्थिति

मौजूदा समय में बस पड़ाव की स्थिति काफी खराब हो गई है। उसका अंदरुनी हिस्सा उखड़-कबड़ हो गया है। बारिश हो जाने पर तो स्थिति और बदतर हो जाती है। फिर तो बगैर कीचड़ का सामना किए न तो बस में चढ़ा जा सकता है और न ही उतरना संभव हो पाता है। जबकि, इसके हाईटेक बनाने के प्रस्ताव से नगरवासियों को एक आकर्षक बस पड़ाव की उम्मीद जगी थी। उसी के उम्मीद में पड़ाव के सामने करोड़ों रुपये की लागत से बड़ा होटल भी निर्मित हो गया। बीस बसों के लिए बनने थे प्लेटफॉर्म बस पड़ाव को काफी सुविधा युक्त बनाने की योजना थी। इसमें बसों को खड़ा करने के लिए बीस प्लेटफॉर्म निर्माण कराने की योजना है। बसें खुलने से पहले प्लेटफॉर्म पर लगेंगी। जिससे यात्रियों को बस में सवार होने में सुविधा होगी। इसके अलावा डिसप्ले बोर्ड पर बसों का नाम व उनके गंतव्य की सूचना प्रसारित की जाएगी। जिससे यात्रियों को अपने गंतव्य के लिए बसों को तलाश करने में किसी भी तरह की असुविधा न हो। लेकिन ये व्यवस्थाएं यहां कब चालू होंगी यह कहना मुश्किल है।

इस योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी नहीं है। इस पर जानकारी लेने के बाद नगर आवास विकास विभाग को पत्र लिखा जाएगा। वहां से अनुमति मिलने के बाद कार्य होगा।

रोहित कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद, बक्सर।


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