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बोला प्यारे जय बजरंगी के नारों से गूंजा शहर

सिर पर केसरिया और पीले रंग का साफा बांधे हजारों की संख्य में विभिन्न प्रकार के अस्त्र व लाठी डंडों से लैस लोग। सबके चेहरे पर झलकता भारी जोश और उमंग के बीच उल्लास का वातावरण और गोल के अंदर लाठियां भांजते व प्रदर्शन करते लोग। बीच में बजरंगबली की विशाल प्रतिमा। यह मौका था नगर के विभिन्न मार्गों पर आयोजित महावीरी पूजा के अवसर पर आयोजित समारोह का।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Mar 2019 05:47 PM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2019 05:47 PM (IST)
बोला प्यारे जय बजरंगी के नारों से गूंजा शहर
बोला प्यारे जय बजरंगी के नारों से गूंजा शहर

बक्सर । सिर पर केसरिया और पीले रंग का साफा बांधे हजारों की संख्य में विभिन्न प्रकार के अस्त्र व लाठी डंडों से लैस लोग। सबके चेहरे पर झलकता भारी जोश और उमंग के बीच उल्लास का वातावरण और गोल के अंदर लाठियां भांजते व प्रदर्शन करते लोग। बीच में बजरंगबली की विशाल प्रतिमा। यह मौका था नगर के विभिन्न मार्गों पर आयोजित महावीरी पूजा के अवसर पर आयोजित समारोह का। इस दौरान चारों तरफ से घेरा डाले हजारों लोग शहर के कलाकारों का करतब देखने में पूरी तरह तल्लीन नजर आ रहे थे।

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वर्षों से चली आ रही मान्यताओं के अनुसार विभिन्न प्रकार की आपदाओं से रक्षा को लेकर मंगलवार को नगर के विभिन्न मुहल्लों में महावीरी झंडा की पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ पूजा की गई। इस मौके पर नगर के कुल 27 अखाड़ों द्वारा एक से बढ़कर एक झांकियां निकाली गई। मान्यताओं के अनुसार बक्सर शहर में आपदा और महामारी से रक्षा को ले हर साल होली के अगले अथवा दूसरे मंगलवार को महावीरी झंडा के पूजा की यहां परंपरा है। कहते हैं कि लगभग सौ वर्ष पूर्व शहर पर प्लेग नामक भयंकर महामारी का प्रकोप छाया हुआ था। तब किसी सन्यासी के निर्देश पर तत्कालीन बंगाली एसडीओ द्वारा महावीरी झंडा की विधिवत पूजा अर्चना कर घी से आहूति देने की सलाह दी गई थी। उस सलाह को मानते हुए लोगों ने बकायदा पूजा अर्चना की। और वास्तव में शहर पर छाए प्लेग का असर समाप्त हो गया। तब से हर साल यह परंपरा चली आ रही है। इस आशय की जानकारी देते शहर के प्रमुख श्रीचंद्र मंदिर अखाड़ा के अध्यक्ष ने बताया कि उस समय शहर का एकमात्र मुख्य अखाड़ा श्रीचंद्र मंदिर ही था। अब मुहल्लों के प्रसार व विकास के साथ इसका दायरा पहले से काफी बढ़ चुका है। आज यहां विभिन्न मुहल्लों से 27 अखाड़े निकाले जाते हैं। शाम के समय सभी अखाड़ों के लोगों का मिलन इसी मुख्य अखाड़े पर होता है। इस दौरान अलग-अलग अखाड़ों से निकाली गई झांकियों के साथ मुहल्लों के लेाग बजरंगबली की पूजा अर्चना के साथ ही लाठियां भांजते हुए अपने करतब दिख रहे थे। इस करतब बाजी को देखने के लिए मानो पूरे शहर के लोग एक साथ टूट पड़े थे। भीड़ इतनी अधिक थी कि शहर के किसी भी मार्ग पर निकल पाना नामुमकिन नजर आ रहा था। इसको ले प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। और शहर के तमाम चौक चौराहों से लेकर सभी अखाड़ों के साथ पुलिस पदाधिकारियों व जवानों के अलावा दण्डाधिकारियों को तैनात किया गया था। वहीं सुरक्षा के मद्देनजर दोपहर बाद से शहर में सभी प्रकार के वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी गई थी। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल के साथ शहर की सड़कों पर पुलिस ने फ्लैग मार्च भी किया।


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