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ठाकुरजी धाम कंजिया श्रीरूद्रचंडी महायज्ञ कल से

अनुमंडल क्षेत्र में आस्था और विश्वास का केन्द्र बना श्रीठाकुरजी धाम कंजिया में श्रीलक्ष्मी नारायण सह रूद्रचंडी महायज्ञ का आयोजन शनिवार भक्तिपूर्ण माहौल में प्रारंभ होगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 05:06 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 05:06 PM (IST)
ठाकुरजी धाम कंजिया श्रीरूद्रचंडी महायज्ञ कल से
ठाकुरजी धाम कंजिया श्रीरूद्रचंडी महायज्ञ कल से

बक्सर । अनुमंडल क्षेत्र में आस्था और विश्वास का केन्द्र बना श्रीठाकुरजी धाम कंजिया में श्रीलक्ष्मी नारायण सह रूद्रचंडी महायज्ञ का आयोजन शनिवार भक्तिपूर्ण माहौल में प्रारंभ होगा। इसको लेकर देश के कोने-कोने से कई संत-महात्माओं का आगमन होने की सूचना मिली है। 23 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रीठाकुर जी महाराज का वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। कंजिया में कार्तिक पूर्णिमा के दिन वार्षिकोत्सव मनाने की तैयारी जोरों पर है। मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के अग्रणी परम पूज्य पाद बैकुंठवासी श्री शिवशंकर चैतन्य जी महाराज के पुत्र ठुन्नु उपाध्याय ने बताया कि यहां देश के कोने-कोने से कई पीठाधीश्वरों एवं संत-महात्माओं की अगुआई में शनिवार से मंदिर परिसर में श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ सह रूद्रचंडी महायज्ञ प्रारंभ होगा।

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इस बार यहां बिहार और यूपी के कई सुप्रसिद्ध कीर्तन मंडलियों का आगमन हुआ है। पिछले नौ नवंबर से ही पन्द्रह दिवसीय हरिनाम संकीर्तन की प्रक्रिया शुरू हुई है। इस दौरान रामधुन कीर्तन श्रवण के लिए इलाके के दर्जनों गांवों से श्रद्धालु भक्तजनों की भीड़ उमड़ रही है। कार्तिक पूर्णिमा को दर्शन-पूजन के लिए यहां पहुंचने वाले लाखों श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। इसके लिए धाम परिसर में साफ-सफाई एवं पहुंच मार्ग दुरूस्त किए जा रहे हैं। 21 सौ कुंतल तिल से होगा हवन मंदिर प्रबंधकारिणी से मिली जानकारी के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन तक यहां तकरीबन 21 सौ ¨क्वटल तिल का हवन कार्य पूरा कर लिया जाएगा। मंदिर परिसर में पिछले दशकों पूर्व से हरिनाम संकीर्तन एवं मानस पाठ की प्रक्रिया अनवरत जारी है। फिलहाल एक सप्ताह से यहां पूरे जिले के कई चर्चित कीर्तन मंडलियों के कलाकार राममयी धुन से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं। ठाकुर जी प्रति लोगों की आस्था का आलम यह है कि यहां दर्शन-पूजन के लिए प्रतिवर्ष पूर्णिमा को तकरीबन चार से पांच लाख श्रद्धालु पगडंडियों के सहारे पहुंचते हैं।


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