स्टेट बैंक में केसीसी लोन वसूली में लाखों रुपये की हेराफेरी
बक्सर। बह्मपुर स्थित स्टेट बैंक की शाखा में दर्जनों किसानों के केसीसी लोन वसूली के नाम पर लाखों रुपये की हेराफेरी करने का मामला प्रकाश में आया है। ठगी के शिकार कांट गांव के किसानों ने बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक से शिकायत करने के बाद पुलिस को भी आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज करने की गुहार लगाई है। पूरे मामले में दोनों स्तरों पर जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है।
बक्सर। बह्मपुर स्थित स्टेट बैंक की शाखा में दर्जनों किसानों के केसीसी लोन वसूली के नाम पर लाखों रुपये की हेराफेरी करने का मामला प्रकाश में आया है। ठगी के शिकार कांट गांव के किसानों ने बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक से शिकायत करने के बाद पुलिस को भी आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज करने की गुहार लगाई है। पूरे मामले में दोनों स्तरों पर जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है।
बैंक की ब्रह्मपुर शाखा द्वारा कांट गांव के दर्जनों किसानों को कृषि कार्य के लिए केसीसी लोन दिया गया था। लेकिन, वसूली एजेंट द्वारा लोन के रुपये वसूल करने के बाद भी उनके खाते में जमा नहीं किया गया और ऊपर से बैंक द्वारा किसानों को लोन जमा करने का नोटिस भी थमा दिया गया। इस कार्रवाई के बाद किसान बेचैन हो गए। कांट निवासी किसान विजय सिंह, नागेंद्र सिंह सुरेंद्र सिंह, बिदेश्वरी सिंह, मनोज कुमार सिंह, ललन सिंह तथा दुर्गा सिंह आदि किसानों ने बैंक के आरा में क्षेत्रीय प्रबंधक तथा ब्रह्मपुर पुलिस को आवेदन देकर लाखों रुपये की हेराफेरी कर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। किसानों ने आवेदन में कहा है कि शाखा प्रबंधक तथा वसूली एजेंट द्वारा केसीसी लोन में 40 फ़ीसद छूट देकर पूरी राशि जमा करने की बात कही गई। प्रबंधक के इस आश्वासन के बाद सभी किसानों ने लोन का रुपया जमा कर दिया। रुपया जमा करने की मुहर लगा रसीद तथा कुछ किसानों को नोड्यूज का प्रमाण पत्र भी दे दिया गया। लेकिन, वसूली के 4 और 5 महीने के बाद कुछ किसानों के पास बैंक द्वारा नोटिस भेजकर लोन के रुपये जमा करने का निर्देश दिए जाने के बाद किसानों के होश उड़ गए। दर्जनों किसान दौड़े हुए स्टेट बैंक की शाखा में आए और अपने खाते की जांच पड़ताल की। खाता देखने के बाद अधिकारियों ने लोन के रुपये जमा नहीं होने की बात किसानों को बताई। इसके बाद तो किसानों का आक्रोश और भी बढ़ गया। किसानों ने शाखा प्रबंधक से इसकी शिकायत की तो उन्होंने भी रुपया जमा नहीं करने का तर्क देते हुए लोन के सभी रुपये जमा करने का फरमान सुना दिया। जिसके बाद किसानों ने क्षेत्रीय प्रबंधक से शिकायत की। इसके बाद बैंक के तीन अधिकारी यहां पहुंचकर घंटों जांच-पड़ताल किए हैं। साथ ही, कई किसानों से पूछताछ भी की। लेकिन, किसान बैंक की मनमाने तर्क से संतुष्ट नहीं हुए तो उन्होंने पुलिस के पास लिखित शिकायत कर प्राथमिकी दर्ज करने की गुहार लगाई है। बताया जाता है कि बैंक प्रबंधक द्वारा लोन वसूली के लिए एक एजेंट को नियुक्त किया गया था। उस एजेंट ने दर्जनों किसानों से लोन की राशि वसूल कर बैंक में जमा करने के बजाय सारे रुपये हजम कर गए। जाहिर है प्रबंधन की लापरवाही के कारण ही दर्जनों किसान ठगी के शिकार हुए। वहीं, बैंक की विश्वसनीयता पर भी गंभीर प्रश्नचिन्ह लग गया। जानकार बताते हैं कि उक्त कथित एजेंट कई गांव के किसानों से केसीसी का लोन वसूल कर फरार हो गया। इस संबंध में पूछे जाने पर प्रभारी थानाध्यक्ष रंजीत कुमार सिन्हा ने किसानों के आवेदन की पुष्टि करते हुए बताया कि इस मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। कहते हैं शाखा प्रबंधक
किसानों से लोन वसूली के लिए प्रबंधन द्वारा एक वसूली एजेंट सुनील राम को नियुक्त किया गया था। वही किसानों से रुपया वसूल कर फर्जी मुहर रसीद तथा नोड्यूज का प्रमाण पत्र दिया है। इस मामले की जांच पड़ताल की जा रही है तथा किसानों से रुपये के संबंध में सुबूत सहित आवेदन की मांग की गई है। एजेंसी के वरीय अधिकारियों से इस संबंध में बातचीत कर रुपये वापस दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।
- एमके आर्य, शाखा प्रबंधक, भारतीय स्टेट बैंक, ब्रह्मपुर