गंदे पानी की निकासी और करंट लगने के खतरों से सशंकित हैं वार्ड 34 के निवासी
बक्सर। जिले में सात निश्चय योजनाओं के तहत जहां नाली-गली सुदृढ़ीकरण के साथ-साथ स्वच्छता के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधि युद्धस्तर पर कार्यो को अंजाम देने में जुटे हैं।
बक्सर। जिले में सात निश्चय योजनाओं के तहत जहां नाली-गली सुदृढ़ीकरण के साथ-साथ स्वच्छता के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधि युद्धस्तर पर कार्यो को अंजाम देने में जुटे हैं। वहीं, वार्ड नं. 34 में नाली के गंदे पानी की निकासी और बगैर कवर वाले नंगे विद्युत तारों से वार्डवासी सशंकित रहते हैं। रविवार को जागरण आपके द्वार कार्यक्रम के तहत सुबह नौ बजे जब जागरण टीम पहुंची तो उक्त समस्याओं पर नागरिकों ने बेबाक ढंग से अपनी बातों को रखा। वार्ड के लोगों का कहना था कि उत्तर में कलक्ट्रेट से आगे नहर तक और दक्षिण में रेलवे ट्रैक तक विस्तृत वार्ड क्षेत्र में कई तरह की समस्याओं से लोग परेशान हैं। वार्ड में पक्की पीसीसी गलियां व अंडरग्राउंड नाली निर्माण होने से साफ-सफाई की स्थिति तो ठीक है। लेकिन, कई हिस्सों में समुचित ढंग से नालियों के पानी की निकासी नहीं होने से गंदे जलजमाव से लोगों को जूझना पड़ता है। आलम यह है कि बरसात के दिनों में जलजमाव होने के चलते आवागमन के दौरान लोगों को काफी फजीहत झेलनी पड़ती है। वार्ड में विद्युत पोल की दरकार
वार्ड के निवासियों का कहना था कि वार्ड क्षेत्र में विद्युत खंभों की बेहद आवश्यकता है। खंभों के अभाव में दूर-दराज हिस्सों से घरों तक बिजली के तार खींचकर ले जाने के क्रम में कई जगह तारों के झूलने और इससे घटना होने की आशंका बनी रहती है। इस संबंध में कई बार विभागीय अधिकारियों तथा कर्मियों को अवगत कराया गया। लेकिन, अधिकारी आश्वासन देकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेते हैं।
समाहरणालय गेट के समीप गंदगी का अंबार : जिला प्रशासन द्वारा जहां पूरे जिले में स्वच्छता अभियान के तहत लोगों में जागरूकता की अलख जगाई जा रही है। वहीं, समाहरणालय गेट से पश्चिम की तरफ बाउंड्री के पास कूड़े-कचरे से गंदगी का अंबार लगा रहता है जिसके चलते आस-पास का माहौल प्रदूषित बना रहता है। लोगों का कहना था कि इस वार्ड में चिराग तले अंधेरा की कहावत चरितार्थ हो रही है जहां से पूरे जिला क्षेत्र के लिए नियम-कायदे बनाने के साथ ही उन पर अमल करने की कार्रवाई होती है। वहीं, समाहरणालय के आसपास सड़क पर कचरा फैले रहने से जिला प्रशासन के स्वच्छता अभियानों पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है। साथ ही, पोस्टऑफिस के समीप बने नाले से निकासी नहीं होने से जलजमाव की स्थिति बनी रहती है। शाम होते ही अंधेरे में डूब जाता है वार्ड : लोगों का कहना था कि मोहल्ले में लगे किसी भी विद्युत पोल पर स्ट्रीट लाइट नहीं लगाए गए हैं। जहां कहीं लगे भी हैं तो वे खराब पड़े हैं। नतीजतन, शाम ढलते ही पूरे वार्ड क्षेत्र में अंधेरे का साम्राज्य कायम हो जाता है। इस दौरान खासकर बुजुर्ग, छोटे बच्चों तथा महिलाओं को आने-जाने के दौरान परेशानी होती है। साथ हीं, लोगों को चोर-उचक्के तथा नशेड़ियों का भय सताता रहता है। अंधेरे का लाभ उठाकर कौन किस तरह की कारगुजारी को अंजाम दे दे, कहना मुश्किल है। कहते हैं लोग : वार्ड के सुनील पाठक का कहना था कि पोल पर विद्युत बल्बों का अभाव है जिसके चलते लोग शाम के बाद अंधेरे में ही आवागमन को विवश रहते हैं। इस ओर नगर परिषद के अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए। रामानंद ¨सह का कहना था कि वार्ड में साफ-सफाई की स्थिति ठीक है। लेकिन, नाली के पानी की निकासी की व्यवस्था सुचारू ढंग से नहीं है। जिसके चलते प्रदूषित माहौल के साथ-साथ जलजमाव की समस्या से दो-चार होना पड़ता है। अमित कुमार ¨सह का कहना था कि नाली की निकासी व्यवस्था दुरूस्त नहीं होने से बरसात के दिनों में गंदे जलजमाव से जूझना पड़ता है। संबंधित अधिकारियों को स्वच्छता मानकों के लिहाज से वार्ड में कार्य कराने की नितांत आवश्यकता है। दुर्गेश उपाध्याय का कहना था कि वार्ड में बगैर कवर वाले विद्युत तारों के सहारे आपूर्ति व्यवस्था से खतरे की आशंका बनी रहती है। विभागीय अधिकारियों को तारों पर कवर लगाना चाहिए ताकि बिजली के खतरों की आशंका से लोग महफूज रह सकें।
दिलीप यादव का कहना था कि सरकार द्वारा वार्ड में सड़क का निर्माण तो करा दिया गया है। लेकिन, नाली के पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं है। जिसके चलते प्रदूषित माहौल के साथ-साथ गंदे जलजमाव की समस्या बरकरार है।
कहते हैं वार्ड पार्षद : वार्ड पार्षद सत्येन्द्र रजक ने कहा कि वार्ड में पर्याप्त विद्युत खंभों के लिए विभागीय अधिकारियों को कई बार जानकारी दी गई है। लेकिन अधिकारी महज आश्वासन देकर कन्नी काट लेते हैं। वहीं, नालियों के पानी की निकासी के लिए समुचित व्यवस्था बनाने के प्रति नगर परिषद के अधिकारियों को अविलंब संज्ञान लेना चाहिए।