जिज्ञासा के बिना ज्ञान नहीं होता
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में पांच दिवसीय 'असर' कार्यक्रम का समापन शनिवार को हुआ।
बक्सर। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में पांच दिवसीय 'असर' कार्यक्रम का समापन शनिवार को हुआ। इस अवसर पर प्रशिक्षुओं द्वारा भव्य कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। डायट प्राचार्य ने बताया कि असर कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वेक्षण का कार्यक्रम है। यहां प्रशिक्षण लेनेवाले प्रशिक्षुओं को पांच दिवसीय इस कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीण इलाके में भ्रमण कराया जाता है। जिससे ग्रासरूट पर कार्य करने का अवसर मिलता है। इस दौरान प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र दिया गया। डायट प्राचार्य मुरारीकांत प्रसाद ने कहा कि जिज्ञासा के बिना ज्ञान नहीं होता और दुख के बिना सुख नहीं होता। यह तेज बुद्धि का एक स्थायी औऱ निश्चित गुण है। असर कार्यक्रम के समापन के अवसर पर इन्होंने कहा कि पढ़ने और पढ़ाने से सस्ता कोई साधन नहीं है। जनार्दन राम ने कहा कि जितना हम अध्ययन करते हैं, उतना ही अज्ञानता का पता चलता है। विकास कुमार ने कहा कि समय के अनुसार परिवर्तन को स्वीकार कर आगे बढ़ना चाहिए। इस दौरान कई प्रशिक्षुओं ने कहा कि मस्तिष्क के लिए अध्ययन की आवश्यकता है। अध्ययन हमें आनंद प्रदान करने के साथ ही अलंकृत करता है और योग्यता प्रदान करता है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. शशि ने कहा कि प्रकृति की अपेक्षा अध्ययन के प्रति अध्ययन द्वारा अधिक व्यक्ति महान बनते हैं। अत्यधिक अध्ययन भी शरीर की क्रांति है। इस अवसर पर विकास कुमार ने कहा कि आज पढ़ना सब जानते हैं पर क्या पढ़ना चाहिए यह कोई नहीं जानता। इस मौके पर उपस्थित प्रशिक्षुओं और अध्यापकों में सुमित कुमार, कंचन कुमारी, संजीत कुमार, मोहित कुमार, संजू कुमारी, बमलेश्वरी कुमारी, मनीषा कुमारी एवं खुशबू तिवारी सहित कई उपस्थित रहे।