संतान की सलामती को महिलाओं ने रखा निर्जला व्रत
जिउतिया पर्व पर रविवार को महिलाओं ने चौबीस घंटे का निर्जला उपवास रख अपने संतान के सलामती की कामना की। महिलाओं के इस कठिन व्रत को देख मेघराज इंद्र ने भी पूरे दिन आसमान में छतरी तान उन्हें राहत दी। बल्कि छाई घटा से दोपहर हल्की-फुल्की बूंदाबांदी भी हुई। हालांकि व्रतियों ने सफलता पूर्वक अपना अनुष्ठान पूरा किया।
बक्सर । जिउतिया पर्व पर रविवार को महिलाओं ने चौबीस घंटे का निर्जला उपवास रख अपने संतान के सलामती की कामना की। महिलाओं के इस कठिन व्रत को देख मेघराज इंद्र ने भी पूरे दिन आसमान में छतरी तान उन्हें राहत दी। बल्कि, छाई घटा से दोपहर हल्की-फुल्की बूंदाबांदी भी हुई। हालांकि, व्रतियों ने सफलता पूर्वक अपना अनुष्ठान पूरा किया।
इस दौरान उत्तरायणी गंगा तट स्थित रामरेखाघाट पर स्नान को लेकर दूर-दूर से व्रती महिलाओं का आगमन अल सुबह से ही जारी था। कर्मकांडियों ने बताया कि तीन चरणों में पूरा होनेवाले इस व्रत को महिलाएं निर्जला उपवास कर पूरा करती हैं। शनिवार को नहाय-खाय के साथ शुरू किए गए इस व्रत का रविवार को दूसरा दिन था। जब व्रती महिलाओं ने अपने पुत्र की दीर्घायु को लेकर निर्जला व्रत रख कड़ी तपस्या की। इसके तहत पूरे दिन और रात महिलाएं बिना एक बूंद पानी ग्रहण किए उपवास पर रहीं। मौके पर व्रतियों ने पवित्र गंगा में स्नान किया और कथा का श्रवण किया। - यूपी से भी पहुंचीं थीं श्रद्धालु महिलाएं जिले के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र लगायत पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से ऑटो एवं अन्य संसाधनों के सहारे लाखों की तादाद में महिलाएं पौराणिक स्थल रामरेखाघाट पर स्नान को पहुंची हुई थीं। इसकी वजह से घाट से लेकर मॉडल थाना चौराहे तक सड़क पर पूरे दिन चहल-पहल रही। दूसरी तरफ, घाट पर अनेक पंडित मौजूद थे जो लगातार कथा का पाठ किए जा रहे थे और महिलाएं घेरा डाले कथा का श्रवण कर रही थीं। - सुरक्षा इंतजाम में जुटी रही पुलिस हर साल जिउतिया पर्व के मौके पर मेले जैसा ²श्य हो जाता है लिहाजा सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए जाते हैं। बल्कि, गंगा में आए उफान को लेकर स्नानार्थियों की सुरक्षा को बैरिकेडिग भी किए गए थे। वहीं, कुछ प्रमुख घाटों पर गोताखोरों को भी तैनात किया गया था। मौके पर यातायात प्रबंधन में पुलिस चौकसी बरते हुए भी दिखीं। जो वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी लगा रहे थे।