व्यावसायिक परिवहन का नया विकल्प बनेगा जलमार्ग-एक
2014 के एनडीए के घोषणापत्र में शामिल अंतरदेशीय जलमार्ग परिवहन को धरातल पर उतारने की मुहिम शुरू हो गई है। गंगा नदी में हल्दिया-प्रयागराज जलमार्ग-एक को वैकल्पिक व्यावसायिक परिवहन का रूप दिया जाएगा।
बक्सर । 2014 के एनडीए के घोषणापत्र में शामिल अंतरदेशीय जलमार्ग परिवहन को धरातल पर उतारने की मुहिम शुरू हो गई है। गंगा नदी में हल्दिया-प्रयागराज जलमार्ग-एक को वैकल्पिक व्यावसायिक परिवहन का रूप दिया जाएगा। गंगा नदी के रिवर रूट को तैयार कर मालवाहक जहाजों को चलाने के लिए सर्वे का काम प्रारंभ हो गया है। ब्रह्मपुर में गंगा की गहराई का आकलन के लिए महानंदा ड्रोजर को तैनात किया गया है।
जानकार बताते हैं कि अंग्रेजी काल से ही यहां गंगा नदी से होकर मालवाहक जहाज आते-जाते थे। जिले के सीमावर्ती क्षेत्र से होकर बहनेवाली गंगा का जलमार्ग काफी सुरक्षित था। नैनीजोर के बिहार घाट पर गंगा नदी की गहराई अधिक है। लिहाजा, कभी-कभी चालक यहां जहाज को थोड़ी देर के लिए रोकते भी थे। लेकिन, बाद में जलमार्ग का रखरखाव नहीं होने से मालवाहक जहाजों का परिचालन बंद हो गया। ड्रोजर के साथ आए चालक पंकज रजक बताते हैं कि वर्ष 2000 में इस जलमार्ग से जहाज लेकर बनारस तक गए हैं। केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना पर कार्य फिर से शुरू हो गया है। जानकार बताते हैं कि भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग के अधिकारी जलमार्ग का सर्वे करा रहे हैं। विभाग से सर्वे रिपोर्ट मिलने के बाद गंगा नदी के सिल्ट (गाद) को निकालकर रिवर रूट को दुरुस्त किया जाएगा। नदी में काफी मात्रा में जगह-जगह गाद भर गया है। कंपनी के सुपरवाइजर प्रदीप यादव तथा मास्टर अमेरिका कुमार यादव बताते हैं कि जलमार्ग के लिए 45 मीटर चौड़ा 4 मीटर गहराई तक रास्ता बनाया जाएगा। बिहार और यूपी में बहनेवाली गंगा नदी में जलमार्ग का कार्य करने के लिए 6 जोन में बांटा गया है। इसके लिए 34 कंपनियों को ठेका दिया गया है। सर्वे रिपोर्ट मिलने के बाद और भी कई ड्रोजर आएंगे। नंबर वन हैं रिवर चैनल ब्रह्मपुर (बक्सर) : गंगा नदी को जलमार्ग बनाने के लिए नंबर वन रिवर चैनल घोषित किया गया है। मालवाहक जहाजों को चलाने के लिए भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण द्वारा इस मार्ग से बहनेवाली गंगा नदी की गहराई तथा चौड़ाई को देखकर नंबर वन घोषित किया गया है। क्योंकि, पानी कम होने के बाद भी इसमें दो मीटर गहराई तक पानी रहेगा। जिस पर जहाज अच्छी तरह से चल जाएगी। जानकार बताते हैं कि पानी पर्याप्त गहराई में रहे तो हल्दिया ये प्रयागराज तक मालवाहक जहाज प्रति माह एक बार आ-जा सकेंगे। पूर्व में बेयासी घाट पर कुछ काम होने के बाद सकारात्मक परिणाम सामने आए थे।