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आवास योजना के लाभार्थियों को एलपीसी देने से इन्कार

जिस आशा और उम्मीद के साथ शहरी क्षेत्र के गरीबों ने आवास योजना के लाभ के लिए आवेदन किया था। उस पर अंचल कार्यालय की बेरुखी ने पानी फेर दिया है। सिर पर एक छत के लिए नगर परिषद से आवेदन तो स्वीकृत हो गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 06:01 PM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 06:01 PM (IST)
आवास योजना के लाभार्थियों को एलपीसी देने से इन्कार
आवास योजना के लाभार्थियों को एलपीसी देने से इन्कार

बक्सर । जिस आशा और उम्मीद के साथ शहरी क्षेत्र के गरीबों ने आवास योजना के लाभ के लिए आवेदन किया था। उस पर अंचल कार्यालय की बेरुखी ने पानी फेर दिया है। सिर पर एक छत के लिए नगर परिषद से आवेदन तो स्वीकृत हो गया। लेकिन, आवास योजना के वर्क आर्डर के लिए जरूरी एलपीसी नहीं मिल रहा है। यह समस्या किस कदर गंभीर है। इसकी बानगी शनिवार को अंचल कार्यालय में देखने को मिला।

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जहां नगर के वार्ड संख्या पंद्रह के एक दर्जन लाभुक एलपीसी के लिए अंचल कार्यालय पहुंचे थे। जहां गए तो उत्साह के साथ, लेकिन वापस निराश होकर लौटे। क्योंकि अंचल कार्यालय ने इस पूरे मामले में किसी तरह का सहयोग करने से साफ इन्कार कर दिया। यह समस्या किसी एक लाभुक के साथ नहीं है। आवास योजना की स्वीकृति के बाद सैकड़ों की संख्या में शहरी क्षेत्र के गरीब लोग वर्क आर्डर से पूर्व एलपीसी के लिए नगर परिषद से लेकर अंचल कार्यालय तक का चक्कर लगाकर थक चुके हैं। यह पेचीदा मामला शहरी क्षेत्र के बड़ा भू-भाग आनाबाद बिहार सरकार के नाम से दर्ज होने से है। सरकारी जमीन पर अंचल कार्यालय एलपीसी देने से इन्कार कर रहा है। जबकि, उस जमीन पर वर्षों से लोगों का घर-मकान स्थित है। परेशानी की वजह सर्वे में गड़बड़ी

शहरी क्षेत्र के लोगों की परेशानी की वजह सर्वे की गड़बड़ी है। डुमरांव शहर की जमाबंदी अंचल कार्यालय में पुराने सर्वे से हुआ है। जिसमें शहर के बस्ती क्षेत्र का पचासी प्रतिशत हिस्सा आनाबाद बिहार सरकार के नाम से है। शहर की बड़ी आबादी जिस जमीन पर रहती है वह उनका नहीं बल्कि सरकारी खाता का जमीन है। जिसका लोग राजस्व भी अंचल कार्यालय को नहीं देते हैं। इस जमीन का दाखिल-खारिज भी उनके नाम से नहीं है। ऐसे में जब प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने की बारी आई तो मामला पेचीदा हो गया। सरकारी जमीन पर अंचल कार्यालय एलपीसी देने से अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। रजिस्टर टू कंप्यूटर में दर्ज होने से मामला और पेचीदा

रजिस्टर टू की प्रति कंप्यूटर में दर्ज होने के बाद यह मामला और पेचीदा हो गया है। इसमें 60 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जिनका नए सर्वे में भी जमाबंदी उनके नाम से नहीं है और वह जमीन भी आनाबाद बिहार सरकार ही रह गया है। जाहिर है कि सरकार की नई नियमावली के तहत ऐसे लोग अपनी जमीन की खरीद-बिक्री भी नहीं कर सकते हैं। नगर परिषद में आवेदन देने के बाद सैकड़ों ऐसे लोग हैं। जिनके आवास योजना की स्वीकृति तो मिल चुकी है। लेकिन, एलपीसी के चक्कर में मकान का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो रहा है। एलपीसी के लिए अंचल कार्यालय पहुंची शिवकुमारी देवी, दुलारी देवी, शांति देवी, सरस्वती देवी, धन्वंतरी देवी, फूलकुमारी देवी, राधा देवी, रवि कुमार आदि का कहना है कि हम लोग जिस जमीन पर रह रहे हैं। उसका एलपीसी नहीं मिल रहा है। कहते हैं सीओ सरकारी जमीन पर एलपीसी देने का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे लोग चाहे तो कोर्ट में मुकदमा कर सकते हैं या फिर डीएम के यहां आवेदन देकर गुहार लगा सकते हैं। अंचल कार्यालय ऐसे मामले में एलपीसी नहीं देगा।

- विजय कुमार सिंह, सीओ, डुमरांव।


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