अतिथि शिक्षक में फेक विश्वविद्यालयों को भी दी गई मान्यता
अतिथि शिक्षकों की बहाली में नित नए खुलासे हो रहे हैं। इसमें वैसे शिक्षकों की भी बहाली किए जाने की बात सामने आ रही है, जिनके सर्टिफिकेट को या जिन विश्वविद्यालयों को बिहार में अमान्य घोषित किया गया है।
बक्सर । अतिथि शिक्षकों की बहाली में नित नए खुलासे हो रहे हैं। इसमें वैसे शिक्षकों की भी बहाली किए जाने की बात सामने आ रही है, जिनके सर्टिफिकेट को या जिन विश्वविद्यालयों को बिहार में अमान्य घोषित किया गया है। सूत्रों की मानें तो ऐसे विनायका, हिमालयन और जम्मू-कश्मीर जैसे विश्वविद्यालयों के सर्टिफिकेट पर भी यहां अभ्यर्थियों को अतिथि शिक्षक बना दिया गया है। जबकि, इन्हीं सर्टिफिकेट्स को शाहाबाद के अन्य जिलों में खारिज कर दिया गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ¨सह ने बताया कि जांच के दौरान इन सर्टिफिकेट्स को भी खंगाला जाएगा। जिन विश्वविद्यालयों को मान्यता नहीं है, उनके सर्टिफिकेट पर अगर बहाली हुई है तो यह गलत है और इसके लिए जिम्मेवार व्यक्ति पर कार्रवाई की जाएगी। बहरहाल, सवाल यह उठ रहा है कि इतनी-इतनी गड़बड़ी इस बहाली में हुई है तो फिर इसकी मॉनीट¨रग करने वाले अधिकारी क्या देख रहे थे। वे क्या आंख मूंदकर संचिका पर दस्तखत कर रहे थे, या फिर उनकी भी मिलीभगत इसमें शामिल थी। जांच में इस बिन्दु पर भी जांच टीम को ध्यान देना चाहिए। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि कंप्यूटर ऑपरेटर पंकज ¨सह ने विभाग के एकाउंटेंट प्रवेश कर्ण को प्रभार दे दिया। समाचार लिखे जाने तक शिक्षा विभाग के कार्यालय में प्रभार सौंपने का कार्य चल रहा था। उन्होंने बताया कि पिछले दो दिनों से वह पिताजी की तबीयत खराब होने का हवाला देकर अवकाश पर था। लेकिन मंगलवार को प्रभार देने के लिए वह शिक्षा विभाग के कार्यालय पहुंचा। बता दें कि अतिथि शिक्षकों की बहाली में जिले में व्यापक पैमाने पर अनियमितता बरती गई है। बहाली में फर्जीवाड़ा कर कहीं मार्क्स में गड़बड़ी की गई है तो कहीं वैसे विश्वविद्यालयों के सर्टिफिकेट पर भी बहाली कर दी गई है, जिसकी मान्यता को ही रद कर दिया गया है। बहरहाल, इस मामले में जांच टीम का गठन हो गया है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि जिलाधिकारी द्वारा जांच टीम का गठन किए जाने के बाद इसको लेकर विभाग में खलबली मची हुई है। अब देखना है जांच टीम कब तक इस जांच को पूरा करती है। वैसे जिलाधिकारी ने एक सप्ताह के अंदर जांच प्रक्रिया पूरी कर हर बिन्दु पर मंतव्य के साथ जांच प्रतिवेदन मांगा है।