Move to Jagran APP

बक्‍सर में विधायक, डीएसपी व थानेदार समेत 18 पर FIR, थाने में बुजुर्ग के सुसाइड से जुड़ा है मामला

बक्‍सर जिले के कोरानसराय थाने के कंप्यूटर कक्ष में 16 नवंबर की रात बुजुर्ग ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में मृतक के पुत्र ने 18 लोगों पर एफआइआर कराई है। इसमें स्‍थानीय विधायक व डीएसपी समेत 18 आरोपित किए गए हैं।

By Ranjit Kumar PandeyEdited By: Vyas ChandraPublished: Wed, 23 Nov 2022 05:22 PM (IST)Updated: Wed, 23 Nov 2022 05:22 PM (IST)
बक्‍सर में विधायक, डीएसपी व थानेदार समेत 18 पर FIR, थाने में बुजुर्ग के सुसाइड से जुड़ा है मामला
माले विधायक समेत 18 पर एफआइआर। सांकेतिक तस्‍वीर

डुमरांव (बक्सर), संवाद सहयोगी। कोरानसराय थाने के कंप्यूटर कक्ष में 16 नवंबर की रात फांसी लगाकर बुजुर्ग के आत्‍महत्‍या मामले में नया मोड़ आ गया है। आत्महत्या करने वाले यमुना सिंह के पुत्र अरुण कुमार सिंह उर्फ पिंटू सिंह ने इस मामले में डुमरांव विधायक अजीत कुशवाहा, डीएसपी कुमार वैभव और थानाध्यक्ष जुनैद आलम समेत एसआइ गंगा दयाल ओझा, सिपाही मृत्युंजय कुमार और शुभम कुमार, चौकीदार कृष्णा कुमार समेत 18 लोगों पर एफआइआर कराई है।

loksabha election banner

एफआइआर में इनके अलावा कौशल कुमार, भोला पासवान, सुरेश पासवान, लक्ष्मण पासवान, भुअर पासवान, राजू पासवान, दीनानाथ पासवान, रविंद्र राम, सुनील पासवान, छोटक पासवान और ऋषि पासवान को आरोपित किया गया है। आवेदन में इसका जिक्र किया गया है कि इस मामले में डुमरांव विधायक अजीत कुशवाहा ने राजनीतिक दबाव बनाकर डीएसपी कुमार वैभव के माध्यम से यमुना सिंह की गिरफ्तारी कराई।

16 नवंबर की शाम बुजुर्ग ने की थी आत्‍महत्‍या 

गौरतलब है कि कोरानसराय थाना क्षेत्र के कोपवां गांव में 15 अक्टूबर को दलित बस्ती के बिट्टू पासवान और लालधारी सिंह व यमुना सिंह के घर के बच्चों के बीच विवाद हुआ। स्कूल से शुरू हुए बच्चों के विवाद ने हिंसक रूख अख्तियार कर लिया। शाम होते-होते बड़ों के बीच झगड़ा हो गया।  घटना के बाद दोनों पक्ष ने कोरान सराय थाना में एक दूसरे के खिलाफ नामजद प्राथमिकी कराई थी। मामले में दूसरे पक्ष ने बुजुर्ग यमुना सिंह को भी नामजद आरोपित बनाया था। इसी मामले में 16 नवंबर की शाम थानाध्यक्ष जुनैद आलम ने यमुना सिंह को गिरफ्तार किया। आरोप है कि मारपीट की गई। थाने के कंप्‍यूटर कक्ष में उन्‍हें रखा गया था। आत्‍मसम्‍मान को ठेस पहुंचने के कारण रात में यमुना सिंह ने आत्‍महत्‍या कर ली।  

डुमरांव विधायक से करा रहे थे पैरवी

प्राथमिकी में इसका जिक्र किया गया है कि दूसरे पक्ष के कुछ आपराधिक प्रवृत्ति के लोग अक्सर उनके दरवाजे पर आकर गाली गलौज करते थे तथा दलित उत्पीड़न एक्ट के तहत दर्ज हुए कांड संख्या 123/ 22 को उठाने के लिए दस लाख रुपये देने की मांग कर करे थे। साथ ही वे लोग डुमरांव विधायक की पैरवी से पूरे परिवार को गिरफ्तार कराने की धमकी दे रहे थे। मृतक के पुत्र ने आरोप लगाया है कि नामजद लोगों ने एक दिन उनके पिता के साथ धक्का मुक्की भी की थी। कहा कि यदि पैसा नहीं दोगे तो एससी-एसटी केस के तहत जल्दी ही राज्य सरकार एक लाख रुपये देगी और पूरे परिवार को जेल जाना पड़ेगा।

10 लाख रुपये मांग रहे थे केस उठाने के लिए

कांड संख्या 123/22 मामले में एसपी नीरज कुमार सिंह ने जांच कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन बिना पर्यवेक्षण के ही थानाध्यक्ष ने पिछले बुधवार की शाम उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। एसपी को दिए गए आवेदन में इसका जिक्र किया गया है कि थानाध्यक्ष जुनैद आलम, एएसआइ गंगादयाल ओझा, स्थानीय चौकीदार कृष्णा तथा सिपाही मृत्युंजय कुमार और शुभम कुमार ने गिरफ्तारी के दौरान उनके साथ दुर्व्यवहार किया था।  थानाध्यक्ष ने पिता के आत्महत्या करने की सूचना तक नहीं दी। बहरहाल, मामले में सवाल यह भी है कि यमुना सिंह को बक्सर जेल भेजने के लिए गिरफ्तार किया गया तो थाने के हाजत में बंद करने के बदले कंप्यूटर रूम में क्यों बंद किया गया।

जिले में बढ़ते प्रभाव से घबराकर रची गई राजनीतिक साजिश

डुमरांव विधायक अजीत कुशवाहा ने बताया कि पूरे जिले में उनके बढ़ते प्रभाव से घबराकर कुछ लोगों के द्वारा मृतक के पीड़ित परिजनों को मोहरा बनाकर एक राजनीतिक साजिश रची गई है। हालांकि, उन्होंने बताया कि न्यायालय पर उन्हें पूरा भरोसा है। विधायक ने कहा कि जांच के बाद मामला स्पष्ट हो जाएगा और साजिश नाकाम हो जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.