जदयू प्रदेश अध्यक्ष के ससुराल में परिवहन मंत्री का घेराव
मौसम की बेरुखी के बीच प्रखंड को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग एक बार फिर से जोर पकड़ने लगी है। खास यह कि इस बार की आवाज सत्ताधारी जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण ¨सह 'दादा' के ससुराल से उठी है। इससे पूर्व शुक्रवार की देर शाम कश्मीर में शहीद हुए सेना के जवान शैलेंद्र ¨सह के दरवाजे पर मातमपुर्सी को पहुंचे राज्य के परिवहन मंत्री क्षेत्रीय विधायक संतोष कुमार निराला को भी ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा।
बक्सर । मौसम की बेरुखी के बीच प्रखंड को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग एक बार फिर से जोर पकड़ने लगी है। खास यह कि इस बार की आवाज सत्ताधारी जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण ¨सह 'दादा' के ससुराल से उठी है। इससे पूर्व शुक्रवार की देर शाम कश्मीर में शहीद हुए सेना के जवान शैलेंद्र ¨सह के दरवाजे पर मातमपुर्सी को पहुंचे राज्य के परिवहन मंत्री क्षेत्रीय विधायक संतोष कुमार निराला को भी ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा।
किसानों का नेतृत्व कर रहे पूर्व मुखिया तथा दादा के बड़े साला भोला राय का कहना था कि सरकार ने नावानगर प्रखंड को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया। जबकि, डुमरांव प्रखंड के दोनों भोजपुर और डुमरांव रजवाहा नहर में पानी नावानगर प्रखंड होकर ही आता है। जब नावानगर प्रखंड में नहर में पानी नहीं आया तो डुमरांव प्रखंड सूखा से कैसे वंचित रह गया। उनका कहना था कि इस पूरे कृषि वर्ष में नहर में एक बूंद पानी नहीं आया है। डुमराव प्रखंड के 16 में से सिर्फ एक कंझरुआ पंचायत का कुछ हिस्सा ही नहर सुविधा का लाभ पाता है। बाकी 15 पंचायत के किसानों को ¨सचाई का लाभ नहीं मिल रहा है। किसानों के इस सवाल तथा उग्र तेवर पर परिवहन मंत्री संतोष निराला का कहना था कि उनके द्वारा स्वयं मुख्यमंत्री को लिखित देकर डुमरांव प्रखंड को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग की गई है। आगे भी इस मांग को पुन: मजबूती के साथ रखा जाएगा। नहर में पानी नहीं आने से डीजल के सहारे खेतों की ¨सचाई किसी के वश की बात नहीं है। जिस रफ्तार से खेतों की ¨सचाई हो रही है। उससे पेयजल की समस्या भी गम्भीर होते जा रही है। जलस्तर तेजी से नीचे खिसक रहा है। पूरे प्रखंड में ¨सचाई समस्या गंभीर बनी है। गंभीर मामले पर मंत्री की लाचारी को देख किसानों ने अपनी मांग को अंजाम तक पहुंचाने का संकल्प व्यक्त किया। किसानों का कहना है कि सोमवार को इस मामले में डीएम को ज्ञापन सौंपा जाएगा। फिर छठ पूजा के अगले दिन इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री से किसानों का जत्था मिलेगा। फिर भी न्याय नहीं मिला तो मामले को लेकर किसान हाइकोर्ट जाएंगे। किसानों का कहना था कि कृषि विभाग का कोई पदाधिकारी खेतों में घूमकर हालात का जायजा नहीं ले रहा। बल्कि, ऑफिस में बैठकर प्रतिवेदन भेजने से डुमरांव प्रखंड सूखाग्रस्त होने से वंचित रह गया। यह डुमरांव के किसानों के लिए साथ अन्याय है। मौके पर भोला राय, वीर बहादुर राय, शिवशंकर राय, वीर बहादुर ¨सह, बीके ¨सह, बबलू ¨सह, ¨रकू राय, गोल्डन खां, मंजूर खां, मनीष ¨सह समेत दर्जनों किसान उपस्थित थे।