भैंसही नदी का पानी रोकने से बिफरे किसान
किसानों का कहना है कि यदि अंचलाधिकारी द्वारा तत्काल मछुआरों के खिलाफ यथोचित कार्रवाई नहीं की गई तो वे लोकतांत्रिक ढंग से विरोध-प्रदर्शन की शुरुआत करेंगे। इस मामले में अंचलाधिकारी आमोद राज से संपर्क किया गया तो उन्?होंने कहा कि तत्?काल समस्?या का समाधान निकाला जाएगा।
बक्सर। भैंसही नदी के पानी को नया भोजपुर के समीप मछुआरों द्वारा रोकने के तेज किए गए प्रयास को लेकर किसानों में चिता व्याप्त है। लोगों का कहना है कि पानी अवरुद्ध हो जाने से मौजा कोलिया, बसगितिया, मरवटिया, चांदपाली, गायघाट, सिमरौना, चकनी में हजारों एकड़ भूमि रबी फसल की बोआई से वंचित हो जाएगी। इस संबंध में किसानों ने मंगलवार को लिखित आवेदन देकर अंचलाधिकारी से प्रभावी कार्रवाई करने की मांग की है। ताकि, समय से किसान अपने खेतों में फसल की बोआई कर सकें।
बृजबिहारी राय, शिवजी राय, प्रभुनाथ राय, दिनेश राय, रामसुरेश राय, अटल बिहारी राय, शिवशंकर राय, नंदगोपाल राय, सिद्धनाथ राय, डमडम राय, संजय राय, राम व्यास राय, केशव राय, राजेंद्र राय, करीमन राय, उपेंद्र राय सहित कई किसानों ने बताया कि अंचल कार्यालय द्वारा बिना जांच-पड़ताल किए मछुआरों को क्षेत्रान्तर्गत भैंसही नदी का गड़ढा बंदोबस्त कर दिया गया है। लिहाजा, वे मछली मारने के लिए पानी के प्रवाह को रोकने का प्रयास तेज कर दिए हैं। जबकि, वर्ष 2013 में अंचल कार्यालय द्वारा बंदोबस्ती के दौरान मछुआरों को यह स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि मछली मारने के लिए नदी के प्रवाह को रोकना दंडनीय होगा। बावजूद, उनके द्वारा हर साल पानी रोक कृषि कार्य को प्रभावित कर दिया जाता है। किसानों का कहना है कि यदि अंचलाधिकारी द्वारा तत्काल मछुआरों के खिलाफ यथोचित कार्रवाई नहीं की गई तो वे लोकतांत्रिक ढंग से विरोध-प्रदर्शन की शुरुआत करेंगे। इस मामले में अंचलाधिकारी आमोद राज से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि तत्काल समस्या का समाधान निकाला जाएगा।