यूरिया के लिए किसानों को खानी पड़ी पुलिस की लाठी
बाजार में यूरिया खाद की किल्लत से किसान परेशान हैं। खाद दुकानों पर यूरिया नहीं मिलने से किसानों की परेशानी काफी बढ़ गई है। यूरिया खाद के लिए पूरे अनुमंडल के किसानों की भीड़ नया भोजपुर स्थित इफको के कृषि मॉल पर
संवाददाता, डुमरांव (बक्सर) : बाजार में यूरिया खाद की किल्लत से किसान परेशान हैं। खाद दुकानों पर यूरिया नहीं मिलने से किसानों की परेशानी काफी बढ़ गई है। यूरिया खाद के लिए पूरे अनुमंडल के किसानों की भीड़ नया भोजपुर स्थित इफको के कृषि मॉल पर उमड़ रही है। कृषि मॉल पर सोमवार को खाद के लिए उमड़ी भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठी भांजनी पड़ी। इस दौरान कई किसान पुलिस की लाठी से जख्मी हो गए। दोपहर बाद में पुलिस हस्तक्षेप के बाद किसानों को कतारबद्ध कर यूरिया का वितरण किया गया। बावजूद, भीड़ नियंत्रण से बाहर है। पुलिस की लाठी चार्ज के कारण एक बार तो मॉल पर भगदड़ मच गई। बाद में किसानों को कतार में खड़ा कर यूरिया का वितरण किया गया। इस मौसम में यूरिया के लिए सुबह 3 बजे से ही मॉल पर किसानों की भीड़ उमड़ रही है। प्रशासन द्वारा किसानों की इस समस्या को नजरअंदाज किए जाने से स्थिति गंभीर बनते जा रही थी। इफको के अलावा निजी कंपनी का यूरिया कालाबाजारी का शिकार है। फिलहाल बाजार में यूरिया किसानों 320 से 350 रुपये प्रति बैग के दर से मिल रहा है। किसान अगर अधिक मूल्य का हवाला दिए तो उन्हें खाद नहीं दी जा रही है। यह स्थिति डुमरांव के अलावा नया भोजपुर, पुराना भोजपुर, कोरानसराय, नावानगर, सिमरी, कृष्णब्रह्म आदि जगहों की है। सवाल यह कि खाद की ऐसी किल्लत एक साथ ही हर जगह कैसे शुरू हो गई। जानकार सूत्र बताते हैं कि खाद के थोक विक्रेता रेक प्वाइंट से यूरिया को कालाबाजार की राह दिखा चुके हैं। स्थानीय खाद दुकानदारों को जरूरत से काफी कम खाद मुहैया कराया गया है। जिस कारण बाजार में खाद की जबरदस्त किल्लत हो गई है। वर्तमान समय गेहूं पटवन का चल रहा है। जिसमें यूरिया की सर्वाधिक खपत होती है। किसान का खेत पटवन के बाद सूखने के कगार पर है। ऐसे में दुकानदार मुनाफा के चक्कर में खाद नहीं होने का हवाला देकर किसानों से जबरदस्त मुनाफा की आस लगाए बैठे हैं। इसमें विभिन्न ब्रांड के यूरिया की किल्लत दिखाई जा रही है। जिसमें शक्तिमान, कृभको, आईपीएल आदि ब्रांड के यूरिया नहीं होने की बात कही जा रही है। वहीं, पैक्स और अन्य विक्रेता इफको का यूरिया बेचने को तैयार नहीं। कारण की इफको के खुले कृषि मॉल में यूरिया निर्धारित मूल्य पर बिक रहा है। ऐसे में दूसरे विक्रेता अधिक मूल्य लेकर यूरिया बेच नहीं सकते है। जिससे किसानों को इफको यूरिया खरीद का एकमात्र केंद्र कृषि मॉल ही बन गया है। किसानों का अधिक भीड़ उमड़ने से कृषि मॉल के कर्मी भी परेशान हैं। यूरिया के लिए आए दिन किसानों से नोकझोंक हो रही है।